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ए कवसट ऑफ हरज
Morgan Rice


द सॉर्सरर’ज रिंग #1
द सरसरर’ज रग म ततकषण सफलत क लए आवशयक सभ समगर शमल ह: षडयतर, षडयतर क वरध, रहसय, बहदर शरवर, और टट दल स भर खलत रशत, धख और वशवसघत। कई घट तक यह आपक मनरजन करग, और हर उमर क लग क खश रखग। मथक क सभ पठक क सथय पसतकलय क लए इसक सफरश क जत ह।- पसतक और मव समकष, रबरट मटस५०० स भ अधक पच सतर समकष क सथ, अमजन पर #१ बसटसलर! #१ लकपरय लखक, मरगन रईस क ओर स एक नय मज़दर मथक शरखल क शरआत पश ह। ए कवसट ऑफ हरज (द सरसरर’ज रग म पसतक #१) क कहन रग रजय क बहर इलक म बस एक छट स गव क १४ वरष क एक बलक क इरद-गरद घमत ह। चर भईय म सबस छट, अपन पत क सबस नपसद और भईय क घण क पतर, थरगरन क अब लगन लगत ह क व और स अलग ह। वह रज क सन म शमल ह कर घट क उस पर मजद हज़र परणय स उस रग क बचन और एक महन यदध बनन क सपन दखत ह। बड़ हन पर और जब रज क सन म भरत हन स पत दवर मन कय जत ह त व न सनन क लए तयर नह हत; व अपन आप ह अपन बल पर रज क सन म शमल हन क लए दढ़ नशचय क सथ नकल पड़त ह।लकन रज क दरबर अपन ह परवरक नटक, सतत क लए सघरष, महतवककषओ, ईरषय, हस और वशवसघत स तरसत ह। रज मकगल क अपन ह बचच म स एक वरस क चयन करन हग, और परचन परमपरगत तलवर, ज क सभ शकतय क सरत ह, अभ भ एक सह हकदर क इतजर म अछत बठ ह। थरगरन एक बहर वयकत क रप म आत ह और रज क सन म शमल हन और सवकत परपत करन क लए सघरष करत ह।थरगरन क एहसस हत ह क उस रहसयमय शकतय हसल ह, एक वशष उपहर जस व समझ नह पत ह, और यह भ क यह एक ख़स तरह क भगय ह। सभ बधओ क बवजद उस रज क बट स पयर ह जत ह, और जब यह परतबधत रशत फल-फल रह हत ह त उस पत चलत ह क उसक परतदवद शकतशल ह। एक और जह वह अपन शकतय क समझन क लए सघरष कर रह हत ह, वह रज क जदगर उस अपन शरण म ल लत ह और घटय क उस पर, बहत दर, डरगन क दश स भ दर रहन वल उसक म जस व बलकल भ नह जनत, क बर म बतत ह।इस पहल क थरगरन अपन यदध हन क भख क पर कर, उस अपन परशकषण क पर करन हग। लकन यह बहत अधक नह चल सकग कयक वह अपन आप क शह षडयतर और वरध षडयतर म धस पत ह ज उसक पयर क नव क हल सकत ह और यह तक क उस और पर रजय क नषट कर सकत ह।अपन खबसरत शबद और वरणन क सथ, ए कवसट ऑफ हरज मतर और परमय, परतदवदय और यचक, शरवर और डरगन क षडयतर, रजनतक सजश, बढत उमर, टट दल, धख, महतवककष और वशवसघत स भरपर एक वरकथ ह। यह कहन ह सममन और सहस क, कसमत और नसब क, जद-टन क। यह ऐस कलपन ह ज हम एक ऐस दनय म लत ह जस हम कभ भल नह पयग और ज हर उमर और वरग क लग क अचछ लगग। इसम ९३००० शबद ह।अब शरखल म #३ -- #१४ पसतक भ उपलबध ह! मनरजक मथक कथ। -करकस समकष कछ उललखनय क शरआत वह ह। -सन फरससक पसतक समकष एकशन स भरपर.. रईस क लखन ठस और आधर पचद ह। -पबलशरस वकल एक उतसहपरण मथक.. इसक शरआत ह यव वयसक शरखल महकवय क भरस दत ह। मडवसट पसतक समकष









ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज










मॉर्गन राइस के बारे में


मॉर्गन राइस द वैम्पायर जर्नल्स, ग्यारह पुस्तकों (आगे जारी है) की एक युवा वयस्क श्रृंखला; #१ बेस्टसेलिंग श्रृंखला द सर्वाइवल ट्राइलॉजी, दो पुस्तकों (आगे जारी है) का एक पूर्व-अंतर्भासी थ्रिलर; और #१ बेस्टसेलिंग काल्पनिक श्रृंखला महाकाव्य द सॉर्सरर’ज रिंग, तेरह पुस्तकों (आगे जारी है) के #१ बेस्टसेलिंग लेखक है।

मॉर्गन की पुस्तकें ऑडियो और प्रिंट संस्करणों में उपलब्ध हैं, और पुस्तकों का अनुवाद जापानी, चीनी, स्वीडिश, डच, तुर्की, हंगरी, चेक और स्लोवाक, पुर्तगाली, स्पेनिश, इतालवी, फ्रेंच, जर्मन (आगामी अधिक भाषाओं के साथ) में उपलब्ध हैं।

टर्न्ड (https://play.google.com/store/books/details/Morgan_Rice_Turned_Book_1_in_the_Vampire_Journals?id=pXwhkeFjQjQC) (वैम्पायर जर्नल्स में पुस्तक #१), एरीना वन (https://play.google.com/store/books/details/Morgan_Rice_Arena_One_Slaverunners_Book_1_of_the_S?id=x2pfUGsqxJMC) (द सर्वाइवल ट्राइलॉजी में पुस्तक #१) और (जादूगर की रिंग में पुस्तक #१) ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज (https://play.google.com/store/books/details/Morgan_Rice_A_Quest_of_Heroes_Book_1_in_the_Sorcer?id=0gaU60LcnYMC) में से प्रत्येक गूगल प्ले पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं!

मॉर्गन आप से सुनना पसंद करते हैं, तो नवीनतम समाचार देखने, मुफ्त पुस्तक व प्रचार प्राप्त करने, मुफ्त एप्लिकेशन डाउनलोड करने, फेसबुक और ट्विटर पर जुड़ने व ईमेल सूची में शामिल होने के लिए www.morganricebooks.com (http://www.morganricebooks.com) पर जाने के लिए कृपया स्वतंत्र महसूस करें!




मॉर्गन राइस के लिए प्रशंसा का चयन करें


“एक उत्साही कल्पना जो कहानी की रुपरेखा में रहस्य और साज़िश के तत्वों को बुनती है। ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज साहस निर्माण और जीवन के उद्देश्य के बारे में है जो विकास, परिपक्वता, और उत्कृष्टता की ओर ले जाता है.... भावपूर्ण काल्पनिक रोमांच, साजोसामान और एक्शन की इच्छा करने वालों को जोरदार मुठभेड़ों का समूह प्रदान करती है जो अस्तित्व के लिए एक स्वप्निल बच्चे से युवा व्यस्क में असंभव बाधाओं का सामना करने वाले मुख्य पात्र थोर पर केंद्रित है....केवल शुरुआत जो एक युवा वयस्क श्रृंखला महाकाव्य होने का वादा करती है।”

-मिडवेस्ट पुस्तक समीक्षा (डी डोनोवन, ईबुक समीक्षक)

“द सॉर्सरर’ज रिंग में एक त्वरित सफलता के लिए सभी सामग्री है: षडयंत्र, षडयंत्र का विरोध, रहस्य, बहादुर शूरवीर, और खिलते रिश्तों से टूटते दिल, धोखा और विश्वासघात। कई घंटों तक यह आपका मनोरंजन करेगी, और हर उम्र के लोगों को खुश रखेगी। मिथक के सभी पाठकों के स्थायी पुस्तकालय के लिए इसकी सिफारिश की जाती है।”

-बुक्स एवं मूवी समीक्षा, रॉबर्टो मैटोस

“राइस के मनोरंजक महाकाव्य मिथक [द सॉर्सरर’ज रिंग] में एक मजबूत व्यवस्था, प्राचीन स्कॉटलैंड और उसके इतिहास से अत्यधिक प्रेरित, और दरबारी साज़िशों की एक अच्छी समझ से युक्त पारम्परिक शैली के गुण शामिल है।”

-किर्कुस समीक्षा

“मॉर्गन राइस द्वारा बनाया गया थोर का चरित्र मुझे बहुत पसंद आया और दुनिया जिसमें वह रहता था। पृष्ठभूमि और घुमने वाले जीवों को बहुत अच्छी तरह से वर्णित किया गया... मैंने [साजिश] का आनंद लिया। यह छोटे और प्यारे थे.... मामूली पात्रों की मात्रा सटीक थी, इसलिए मुझे उलझन नहीं हुई। वहाँ रोमांचक और दु: खद क्षण थे, लेकिन दर्शाये गये एक्शन ज्यादा विचित्र नहीं लगे। पुस्तक एक किशोर पाठक के लिए उपयुक्त है... कुछ उल्लेखनीय की शुरुआत वहाँ हैं...”

-सान फ्रांसिस्को पुस्तक समीक्षा

“द सॉर्सरर’ज रिंग श्रृंखला महाकाव्य मिथक की एक्शन से भरपूर इस पहली पुस्तक (जो वर्तमान में १४ पुस्तक गहरी है) में, राइस १४ वर्षीय थोर्ग्रिन “थोर” का पाठकों से परिचय कराते हैं जिसका सपना राजा की सेवा करने वाले विशिष्ट नाइटों की सिल्वर सेना में शामिल होना है.... राइस का लेखन ठोस और आधार पेचीदा है।”

-पब्लिशर्स वीकली

“[ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज] पढने में त्वरित और बेहद सरल है। अध्यायों के अंत इतने रोचक हैं कि आगे क्या होगा यह पढ़ने के लिए आप इसे नीचे नहीं रखना चाहेंगे। वहाँ पुस्तक में कुछ उथल-पुथल हैं और कुछ हल्की-फुलकी गलतियाँ हैं, लेकिन यह समग्र कहानी से विचलित नहीं करती। पुस्तक के अंत में मुझे तुरंत अगली पुस्तक लेने की इच्छा हुई और मैंने यही किया भी। द सॉर्सरर’ज रिंग सभी नौ श्रृंखला किंडल स्टोर से खरीदी जा सकती है और और ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज आरंभ करने के लिए वर्तमान में आपके लिए नि: शुल्क है! अगर आप छुट्टी पर पढ़ने के लिए त्वरित और मजेदार कुछ देख रहे हैं तो यह पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी।”

-फैंटसीऑनलाइन.नेट





मॉर्गन राइस की पुस्तकें

द सॉर्सरर’ज रिंग


ए क्वेस्ट ऑफ हीरोज (पुस्तक #१)

ए मार्च ऑफ किंग्स (पुस्तक #२)

ए फेट ऑफ ड्रैगन्स (पुस्तक #३)

ए क्राई ऑफ हॉनर (पुस्तक #४)

ए वाउ ऑफ ग्लोरी (पुस्तक #५)

ए चार्ज ऑफ वेलर (पुस्तक #६)

ए राईट ऑफ स्वोर्ड्स (पुस्तक #७)

ए ग्रांट ऑफ आर्म्स (पुस्तक #८)

ए स्काई ऑफ स्पेल्स (पुस्तक #९)

ए सी ऑफ शील्ड्स (पुस्तक #१०)

ए रेइन ऑफ स्टील (पुस्तक #११)

ए लैंड ऑफ फायर (पुस्तक #१२)

ए रुल ऑफ क्वीन्स (पुस्तक #१३)

एन ओथ ऑफ ब्रदर्स (पुस्तक #१४)




द सर्वाइवल ट्राइलॉजी


एरीना वन: सलेवरसनर्स (पुस्तक #१)

एरीना टू (पुस्तक #२)




द वैम्पायर जर्नल्स


टर्न्ड (पुस्तक #१)

लव्ड (पुस्तक #२)

बिट्रेड (पुस्तक #३)

डेस्टिन्ड (पुस्तक #४)

डिजायर्ड (पुस्तक #५)

बिट्रोद्ड (पुस्तक #६)

वाउड (पुस्तक #७)

फाउंड (पुस्तक #८)

रेज़रेक्टेड (पुस्तक #९)

क्रेव्ड (पुस्तक #१०)

फेटिड (पुस्तक #११)


मोर्गन राइस की पुस्तकें प्ले पर अभी डाउनलोड करें! (https://play.google.com/store/books/author?id=Morgan+Rice)




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द सोर्सररज रिंग को ऑडियो पुस्तक प्रारूप में सुनें (https://play.google.com/store/books/details/Morgan_Rice_A_Quest_of_Heroes_Book_1_in_the_Sorcer?id=0gaU60LcnYMC)

अभी उपलब्ध:

अमेज़न (http://www.amazon.com/Quest-Heroes-Book-Sorcerers-Ring/dp/B00F9VJRXG/ref=la_B004KYW5SW_1_13_title_0_main?s=books&ie=UTF8&qid=1379619328&sr=1-13)

श्रव्य (http://www.audible.com/pd/Sci-Fi-Fantasy/A-Quest-of-Heroes-Audiobook/B00F9DZV3Y/ref=sr_1_3?qid=1379619215&sr=1-3)

आईट्यून्स (https://itunes.apple.com/us/audiobook/quest-heroes-book-1-in-sorcerers/id710447409)


मॉर्गन राइस द्वारा कॉपीराइट © २०१२

सभी अधिकार सुरक्षित। जैसा कि १९७६ के अमेरिका कॉपीराइट एक्ट के तहत अनुमति दी गई है, उसे छोड़कर इस प्रकाशन का कोई भी हिस्सा लेखक की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी रूप में या किसी भी साधन द्वारा पुनरोत्पादित, वितरित, संचारित या किसी डेटाबेस अथवा पुनर्प्राप्ति प्रणाली में संग्रहीत नहीं किया जा सकता है।

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यह काल्पनिक कार्य है। नाम, चरित्र, व्यवसाय, संगठन, स्थान, घटनायें और कथानक या तो लेखक की कल्पना का उत्पाद हैं या इनका उपयोग अवास्तविक हैं। जीवित या मृत वास्तविक व्यक्तियों से किसी भी प्रकार की समानता एक संयोग मात्र है।

जैकेट छवि कॉपीराइट रज़ूमगेम, Shutterstock.com से लाइसेंस के तहत इस्तेमाल की गयी है।




विषय-सूची


अध्याय एक (#ulink_a31ecced-c8b0-530e-abef-228f85b5a0af)

अध्याय दो (#ulink_2c3fc08b-0c01-5684-bc4a-bb99510ab96a)

अध्याय तीन (#ulink_505a85e2-8633-597a-bb7d-19ddfc21a962)

अध्याय चार (#ulink_6ae2f8e6-c417-5f79-985c-35390ad1a8b5)

अध्याय पांच (#ulink_95776554-f9ad-5d4d-8d5d-7ca0e3f2d5f4)

अध्याय छह (#ulink_c1395ed3-0b42-5d8f-bcb8-5e65d9d3e31a)

अध्याय सात (#litres_trial_promo)

अध्याय आठ (#litres_trial_promo)

अध्याय नौ (#litres_trial_promo)

अध्याय दस (#litres_trial_promo)

अध्याय ग्यारह (#litres_trial_promo)

अध्याय बारह (#litres_trial_promo)

अध्याय तेरह (#litres_trial_promo)

अध्याय चौदह (#litres_trial_promo)

अध्याय पंद्रह (#litres_trial_promo)

अध्याय सोलह (#litres_trial_promo)

अध्याय सत्रह (#litres_trial_promo)

अध्याय अठारह (#litres_trial_promo)

अध्याय उन्नीस (#litres_trial_promo)

अध्याय बीस (#litres_trial_promo)

अध्याय इक्कीस (#litres_trial_promo)

अध्याय बाईस (#litres_trial_promo)

अध्याय तेईस (#litres_trial_promo)

अध्याय चौबीस (#litres_trial_promo)

अध्याय पच्चीस (#litres_trial_promo)

अध्याय छब्बीस (#litres_trial_promo)

अध्याय सत्ताईस (#litres_trial_promo)

अध्याय अट्ठाईस (#litres_trial_promo)


“ताज पहनने वाले सिर का असहज होना निहित है।”

विलियम शेक्सपियर

हेनरी चतुर्थ, भाग द्वितीय




अध्याय एक


रिंग के पश्चिमी राज्य के निचले इलाके की सबसे ऊंची पहाड़ी पर उत्तर की ओर चढ़ते सूरज को देखता हुआ एक लड़का खड़ा था। दूर तक फैली हरी पहाड़ियाँ, जो बहुत सी घाटियों और चोटियों की कभी गिरती हुयी और कभी ऊँट के कूबड़ की तरह उठी हुयी एक श्रृंखला जैसी थी, जहाँ तक उसकी नज़र जाती वह उन्हें देख रहा था। लड़के का मनोभाव ऐसा था मानो सुबह की धुंध को छूता हुआ, उन्हें प्रकाशमान करता हुआ, जलती सूरज की नारंगी किरणें, जैसे रौशनी को जादूई बना रहा हो। वह शायद ही कभी इतनी जल्दी उठा था या घर से कभी इतनी दूर निकल आया हो — और यह जानते हुए कि उसे अपने पिता का प्रकोप झेलना होगा उसने कभी भी इतनी चढ़ाई नहीं की थी। लेकिन आज के दिन वो बेपरवाह था। आज के दिन उसने अपने ऊपर लाखों नियमों और कार्यों को अनदेखा किया जिन्होंने उसे चौदह वर्षों से दबा रखा था। लेकिन आज का दिन हट कर था। आज के दिन उसका भाग्य बदल गया था।

दक्षिणी प्रांत के पश्चिमी राज्य के मैकलियोड कबीले का लड़का थोर्ग्रिन जिसे सभी बस थोर के नाम से जानते थे — चार पुत्रों में से सबसे छोटा और अपने पिता का सबसे कम पसंदीदा इस दिन की प्रतीक्षा में ही पूरी रात जागा था। वह सूरज की पहली किरण के इंतज़ार में रात भर धुंधली आँखें लिए करवट बदलता रहा। आज का यह दिन कई वर्षों में बस एक बार आता है, और यदि कोई चूक हो जाए तो वह बस इस गाँव में हमेशा के लिए फंस जाएगा, और जीवन भर बस अपने पिता के मवेशियों की देखभाल करने के लिए मजबूर हो जाएगा। बस उस से यही ख़याल सहन नहीं हो रहा था।

सेना में अनिवार्य भर्ती होने का दिन। यह वो अकेला दिन था जब राजा की सेना राजा की फ़ौज में शामिल होने के लिए प्रांतों से स्वयंसेवकों को व्यक्तिगत रूप से चुनती थी। जबसे उसने होश संभाला था, थोर ने कभी भी कोई ओर सपना नहीं देखा था। उसका तो जीवन में बस एक ही लक्ष्य था: राजा के दोनों साम्राज्यों में कहीं भी, बेहतरीन कवच में सुसज्जित हो कर राजा के नाइटों के विशिष्ट बल सिल्वर में शामिल होना। और सिल्वर में शामिल होने से पहले हर किसी को चौदह से उन्नीस वर्ष तक की उम्र के मध्य अनुचरों की गिनती में शामिल होना आवश्यक था। और यदि कोई कुलीन वंश का या किसी प्रसिद्ध योद्धा का बेटा नहीं था, तो सेना में शामिल होने का कोई ओर उपाय नहीं था।

अनिवार्य भर्ती का दिन ही एकमात्र अपवाद था, एक ऐसी दुर्लभ घटना जब हर थोड़े से सालों में राजा के लोग नए रंगरूटों की तलाश में जगह-जगह घूमते थे। सब जानते थे की आम जनता में से बस बहुत थोड़े से ही चुने जाते थे — और उनमें से भी बहुत ही कम लोग वास्तव में राजा की सेना में शामिल हो पाते थे।

किसी भी तरह के इशारे के लिए थोर ने पूरे इलाके का सूक्ष्मता से अध्ययन किया। सिल्वर में शामिल करने के लिए, वह जानता था कि गाँव की ओर जाने वाला यही एक अकेला रास्ता है और वह चाहता था कि सबसे पहले उन्हें बस वो नज़र आए। ऐसा लग रहा था मानो उसके इर्द-गिर्द सभी भेड़ों ने जैसे बगावत कर दी हो और बहुत ही भद्दे तरीके से उसे चट्टान के नीचे की ओर, जहाँ चरने के अच्छे आसार थे, जाने के लिए उकसा रहे थे। उसने बढ़ते शोर और बदबू रोकने के लिए प्रयास किया। उसके लिए अब ध्यान केंद्रित करना जरूरी था।

भेड़ों को चराना, अपने पिता का और अपने भाईयों का सेवक बने रहना, किसी को भी उसकी कोई परवाह नहीं थी और फिर भी वह इतने सालों तक यह सब सहता रहा केवल इसीलिए कि एक दिन वो इस गाँव को छोड़ कर जा सके। और एक दिन जब सिल्वर आयेंगें और वो चुन लिया जाएगा, तो वे लोग जिन्होंने उसे कभी कुछ समझा ही नहीं, हैरत में पड़ जायेंगें। एक ही बार में वो उनकी घोड़ागाड़ी में चढ़ जाएगा और इन सब को अलविदा कह कर निकल जायेगा।

ज़ाहिर है, थोर के पिता ने उसे सेना में भर्ती होने के काबिल कभी समझा ही नहीं, और सच तो यह है कि वो उसे किसी भी काम के लिए काबिल मानता ही नहीं था। इसके बजाय, उसके पिता थोर के तीनों बड़े भाइयों पर अपना पूरा ध्यान और प्यार लुटाते थे। सबसे बड़ा भाई १९ का था और बाकी दोनों शायद १-१ साल छोटे थे और थोर उन लोगों से कम से कम तीन साल छोटा था। तीनों की उम्र एक जैसी थी इसीलिए थोर से बिलकुल अलग और एक जैसे ही दीखते भी थे और शायद यही वजह रही होगी कि वे तीनों थोर के अस्तित्व तक को नहीं स्वीकारते थे।

और वे लोग उस से लम्बे, चौड़े और मजबूत थे, और थोर जानता था कि वो उन लोगों से कम नहीं है फिर भी अपने आप को बहुत छोटा महसूस करता था। उसके पिता ने इन बातों को सुलझाने का कभी कोई प्रयास नहीं किया — वो तो बस इन सब बातों के खूब मज़े लेता था — जहाँ एक और थोर के तीनों भाई प्रशिक्षण लेते वहीँ दूसरी ओर थोर को बस भेड़ें चराने और हथियारों को तेज करने का काम दिया जाता। यह कोई कही जाने वाली बात नहीं थी कि थोर को अपनी पूरी ज़िन्दगी यूं ही अपने भाईयों को महान कार्य करते देख गुज़ारनी होगी, यह तो बस समझने वाली बात थी। यदि उसके पिता और भाईयों के वश में होता तो वे बस यही चाहते थे कि वो वहीँ रह कर बस परिवार की सेवा करते रहे, उसके भाग्य में होता तो ये गाँव उसको निगल जाता।

अविश्वसनीय मगर इससे भी बद्तर स्थिति यह थी कि थोर को अब लगने लगा था कि उसके भाईयों को अब वह संकट लगने लगा है और शायद उससे नफरत भी करते थे। थोर यह सब अब उनकी हर एक दृष्टि में, यहाँ तक कि हर इशारे में देख पा रहा था। यह कैसे संभव है उसे समझ में नहीं आ रहा था, लेकिन वो उनके मन में एक तरह का भय या ईर्ष्या जैसा कुछ पैदा कर रहा था। यह सब इसीलिए था क्योंकि वह शायद उनसे हट कर था, वह उन से अलग दिखता था या फिर उसके बात करने का अंदाज़ उन लोगों जैसा नहीं था; वो तो उनके जैसे कपडे भी नहीं पहनता था, उसके पिता सबसे बढ़िया बैंगनी और लाल रंग के वस्त्र, भव्य अस्त्र उसके भाईयों के लिए बचा कर रखते थे, जबकि थोर तो बस भद्दे किस्म के चीथड़े पहनता था।

बहरहाल, थोर उपलब्ध सभी वस्तुओं में से कुछ अच्छा निकाल ही लेता था, अपने कपड़ों को सही करने का तरीका खोजते हुए उसने अपने फ्रॉक को एक सैश के सहारे कमर पर बाँध दिया, और अब जबकि गर्मियाँ आ गई थी, उसने अपने फ्रॉक के आस्तीन को काट दिया ताकि उसके मजबूत बाजुओं को हवा छू सके। उसकी इकलौती जोड़ी की कमीज मोटे लिनेन से बनी पैंट से मेल करती थी और सबसे घटिया किस्म के चमड़े से बने उसके जूते के फीते पिंडली से बंधे होते थे। वे उसके भाइयों से जरा भी मुकाबला नहीं करते पर वह उनसे काम चला लेता था। उसकी वर्दी ठेठ चरवाहे जैसी थी।

लेकिन शायद ही उसका कोई विशिष्ट आचरण रहा हो। थोर पतला और लम्बा था, प्रभावशाली जबड़ों, मंझे हुए गाल और स्लेटी आँखों को लिए वह एक विस्थापित योद्धा की तरह लग रहा था। उसके सीधे और भूरे रंग के बाल जो बस उसके कान के नीचे तक है लहरों की तरह उसके पीठ को छू रहीं थी और उसके बालों की लटों के पीछे से उसकी आँखें ऐसी चमक रहीं थी मानो जैसे प्रकाश में छोटी सी मछली चमकती है।

थोर के भाइयों को आज बहुत अच्छा भोजन दिया जायेगा, वे सुबह देर तक सो सकेगें और बेहतरीन हथियारों और अपने पिता के आशीर्वाद के साथ उन्हें चयन के लिए भेज दिया जाएगा, जबकि थोर को जाने की इजाजत तक नहीं थी। उसने एक बार अपने पिता के साथ इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया था। लेकिन बातचीत बिलकुल भी ठीक नहीं रही। उसके पिता ने तो बस संक्षिप्त में ही बातचीत बंद कर दी, और उसने भी फिर कभी दुबारा कोशिश नहीं की। यह बिलकुल भी उचित नहीं था।

थोर ने अपने पिता द्वारा उसके लिए निर्धारित भाग्य को ना मानने का मन बना लिया था। शाही कारवां का पहला संकेत मिलते ही वो बस भाग कर घर जाएगा, अपने पिता का सामना करेगा, चाहे वो इस बात को पसंद करें या नहीं वो अपने आप को राजा के आदमियों से मिलवायेगा। वह दूसरों के साथ चयन के लिए खड़ा हो जाएगा। उसके पिता उसे नहीं रोक पाएंगे। यह सब सोचकर मानो जैसे पेट में बल पड़ गए थे।

पहला सूरज और ऊपर उठ गया था, और जब दूसरा सूरज हल्के हरे रंग में ऊपर उठने लगा तो ऐसे लगा मानो बैंगनी आकाश में प्रकाश की एक और परत जुड़ गयी हो, थोर ने उन्हें अब देख लिया था।

वह सीधा खड़ा था, उसके बाल भी। वहाँ क्षितिज पर, एक घोड़ा-गाड़ी की हल्की रूपरेखा दिखाई देने लगी थी, उसके पहिए आकाश में धूल उड़ा रहे थे। जब एक और नज़र आई तो उसकी दिल की धड्कनें तेज हो गयी; और फिर एक और। यहां से देखने पर भी सुनहरी गाड़ी सूरज की रौशनी में ऐसे चमक रहा थी मानो चांदी के रंग वाली मछली पानी में उछल रही हो।

वह उनमें से बस बारह को ही गिन पाया था और उससे अब और इंतज़ार नहीं हो पा रहा था। उसका दिल इतनी ज़ोरों से धड़क रहा था कि जीवन में पहली बार वो अपने झुंड को भूल गया, वो मुड़ा और पहाड़ी से नीचे की और लुड़कने लगा, उसने मन बना लिया था, अब वो नहीं रुकेगा और अपनी पहचान बता कर ही रहेगा।

*

वो पेड़ों के बीच से हो कर, टहनियों से चोट खा कर तेज़ी से नीचे की और जा रहा था और अब बस निमिष भर सांस लेने के लिए रुक गया और उसे किसी भी बात की परवाह नहीं थी। थोड़े से खुले में आने पर उसे अपना गाँव दिखाई दिया; यहाँ सफ़ेद मिटटी से बने एक-मंजिला कच्चे मकान थे। और यहाँ दर्ज़नों परिवार रहते थे। चिमनी से धुआं उठ्ता दिखाई दे रहा था क्योंकि बहुत से लोग सुबह का नाश्ता बना रहे थे। यह बेहद ही शांत जगह थी, और राजा के दरबार से बस एक दिन की दूरी थी। रिंग के छोर पर बसा एक और गाँव, पश्चिमी राज्य की व्यवस्था का बस एक और हिस्सा।

थोर ने गाँव के आँगन में पहुँचने का आखिरी पड़ाव भी पार कर लिया था, रास्ते में जब मुर्गियां और कुत्ते उसके रास्ते से भाग खड़े हुए तो धुल उड़ रही थी, और एक बूढी औरत जो नीचे बैठकर चूल्हे पर पानी उबाल रही थी उस पर गुस्से से चिल्लाई।

“ऐ लड़के, धीरे चलो!” जब वो उसके चूल्हे में धूल उड़ाता जा रहा था तो वो चीख कर बोली।

लेकिन थोर कहाँ रुकने वाला था – उसके लिए बिलकुल भी नहीं, किसी के लिए भी नहीं। वो गली के एक ओर मुड गया फिर दूसरी ओर, घर पहुँचने तक वो इन्हीं गलियों, जिसे वो अच्छी तरह जानता था, में दौड़ता-भागता रहा।

उसका घर भी औरों जैसा ही साधारण सा, छोटा, सफ़ेद मिटटी की दीवारों और फूस की छत का बना था। ज्यादातर घरों की तरह, उसका इकलौता कमरा भी विभाजित था, एक तरफ उसके तीनों भाई सोते थे और दूसरी और उसके पिता; औरों के विपरीत, कमरे के पीछे की ओर मुर्गों को रखने का एक छोटा सा पिंजरा था, और थोर को बस यहीं सोने के लिए निर्वासित किया गया था। पहले तो वह भी अपने भाइयों के साथ ही सोता था; लेकिन बाद में समय के साथ वे बड़े और मतलबी होते गए और ज्यादा अलग रहने लगे, और उन लोगों ने जैसे उसके लिए जगह नहीं छोड़ी। थोर को इस बात से चोट लगी थी, लेकिन अब उन लोगों की उपस्थिति से दूर उसे अपनी खुद की जगह बहुत पसंद आ रहा थी। यह तो सिर्फ इस बात की पुष्टि है कि वह अपने परिवार में निर्वासित था और वो यह पहले से ही जानता था।

थोर बिना रुके सामने के दरवाज़े से सीधे अन्दर आ गया।

“पिताजी!” वह हांफते हुए चिल्लाया। “सिल्वर! वे लोग आ रहे हैं!”

उसके पिता और तीनों भाई पहले से ही अपने बेहतरीन कपड़े पहने, नाश्ते की मेज पर बैठे थे। उसके शब्दों को सुन वे झट से उठे, और उसके कन्धों को टक्कर मार, उछल कर घर के बाहर की ओर और फिर सड़क की ओर भागे।

थोर ने उनका पीछा किया, और फिर वे सभी क्षितिज की ओर देखते हुए खड़े थे।

“मुझे कोई नज़र नहीं आ रहा,” ड्रेक, जो सबसे बड़ा था, ने अपनी गहरी आवाज में जवाब दिया। उसके कंधे चौड़े, बाकी भाईयों जैसे बाल छोटे थे’, उसकी आँखें भूरी थी, और पतली, साधारण से होंठ थे, हमेशा की तरह वह थोर को घूरने लगा।

“मुझे भी कोई नहीं दिख रहा,” द्रोस जो की ड्रेक से एक साल छोटा है, हमेशा की तरह उसका पक्ष लेते हुए बोला।

“वे आ रहे हैं!” थोर ने जोर देकर ने कहा। “मैं कसम खाता हूँ!”

उनके पिता उसकी और मुड़े और उसे कंधों से पकड़ लिया।

“और तुम्हें यह कैसे पता चला?” उन्होंने पूछा।

“मैंने उन्हें देखा था।”

“कैसे? कहाँ से?”

थोर झिझका; उसके पिता ने उसे पकड़ लिया। वो जानता था कि थोर उन्हें केवल उस पहाड़ी के ऊपर से ही देख सकता था। अब थोर को समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दे।

“मैं... उस पहाड़ी पर चढ़ गया था”

“झुंड के साथ? तुम्हें पता है न वो वहां तक नहीं जा सकते।”

“लेकिन आज तो अलग था। मैं देखना चाहता था।”

उनके पिता ने उसे गुस्से से घूरा।

“जल्दी से अंदर जाओ और अपने भाइयों की तलवार ले आओ और उनके म्यानों को पॉलिश करो, ताकि राजा के आदमियों के आने से पहले वे सर्वश्रेष्ठ दिखें।”

उसको निर्देश देने के बाद उसके पिता बाहर सड़क पर खड़े उसके सब भाइयों की ओर मुड़ गए।

“आप को क्या लगता है वो हमें चुन लेंगें?” दुर्स ने पूछा, जो तीनों भाईयों में सबसे छोटा और थोर से तीन साल बड़ा था।

“नहीं चुनना उनकी बेवकूफी होगी,” उसके पिता ने कहा। “ इस वर्ष उनके पास आदमियों की कमी हैं। यह उनके लिए बहुत ज़रूरी है नहीं तो वे आने की जहमत ना उठाते। बस, तुम तीनों सीधे खड़े रहो, अपनी ठोड़ी को ऊपर और छाती को बाहर की ओर रखो। उनकी आँखों में सीधे मत देखना और ना ही कहीं दूर। मजबूत और विश्वास से भरे दिखो। किसी तरह की कमजोरी मत दिखाना। यदि तुम राजा की सेना में जाना चाहते हो, तो ऐसे दर्शाना जैसे तुम पहले से ही सेना में आ चुके हो।”

“हाँ, पिताजी,” उसके तीनों लड़कों ने, अपनी जगह लेते हुए एक ही बार में जवाब दिया।

वो मुड़े और थोर को घूरने लगे।

“तुम अभी तक यहाँ क्या कर रहे हो?” उन्होंने पूछा। “अंदर जाओ!”

थोर वहीँ खड़ा था, परेशान। वह अपने पिता की आज्ञा का अवज्ञा नहीं करना चाहता था, लेकिन उसका उनसे बात करना आवश्यक था। वह बहस की सोच रहा था और उसकी दिल की धड़कन तेज हो गई थी। उसने फैसला लिया, पिता की आज्ञा का पालन करना ठीक रहेगा, पहले वो तलवार ले आएगा और फिर अपने पिता का सामना करेगा। एकदम से अवज्ञा करने से कुछ हासिल नहीं होगा।

थोर भाग कर घर में घुस गया, पिछवाड़े से हो कर सीधे हथियार वाले बाड़े में गया। वहां उसे अपने भाईयों की तीनों तलवारें मिल गई थी, इन तलवारों की मुठियाँ चांदी से सजी हैं, सभी कुछ बहुत खूबसूरत था, ये सब मूल्यवान उपहार थे जिसे पाने के लिए उसके पिता ने सालों मेहनत की थी। उसने वो तीनों तलवारें उठा ली, उनके वजन से वो हमेशा की तरह आश्चर्यचकित था और उन्हें लिए वो घर से बाहर आ गया।

वो भाग कर अपने भाईयों के पास पहुंचा, प्रत्येक को एक-एक तलवार सौंपी, फिर अपने पिता की ओर मुड़ा।

“ये क्या, पॉलिश नहीं की?” ड्रेक ने कहा।

उनके पिता ने नाराज़गी से उसकी और देखा, इसे पहले वो कुछ कहते, थोर बोल पड़ा।

“पिताजी, कृपया मेरी बात सुनें। मुझे आपसे बात करनी है!”

“मैंने तुम से पोलिश के लिए ने कहा था”

“मेरी बात सुन लीजिये, पिताजी!”

उसके पिता विवाद करते हुए उसे घूरने लगे। अंत में जब उन्होंने थोर के चेहरे की गंभीरता को देखा तो बोले “ठीक है?”

“मैं भी शामिल होना चाहता हूँ। दूसरों के साथ। सेना में।”

उनके भाइयों की हँसी तेज़ हो गई थी, जिसकी वजह से उसका चेहरा लाल हो गया।

लेकिन उसके पिता को हंसी नहीं आई; इसके विपरीत, उनकी त्योरियां चढ़ गई थी।

“क्या तुम सच में जाना चाहते हो?” उन्होंने पूछा।

थोर ने जोर से सिर हिलाया।

“मैं चौदह का हूँ। मैं योग्य हूँ।”

“छंटाई चौदह से है,” ड्रेक उपेक्षा से कंधे उचकाते हुए बोला। “अगर उन्होंने तुम्हें चुन लिया तो तुम सबसे कम उम्र के होंगे। तुम्हें क्या लगता है मैं जो तुम से पांच साल बड़ा हूँ, मुझे छोड़ कर वे तुम्हें लेंगें?”

“तुम ढीठ हो,” दुर्स ने कहा। “तुम हमेशा से ऐसे ही हो।”

थोर उनकी ओर मुड गया। “मैं तुम से नहीं पूछ रहा हूँ,” उसने कहा।

वो अब अपने पिता की ओर मुड़ा, उनकी त्योरियाँ अभी भी चढ़ी हुयी थी।

“पिताजी, दया कीजिए,” उसने कहा। “कृपा करके मुझे एक मौका दीजिए। मैं बस यही चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि मैं अभी छोटा हूँ, लेकिन समय के साथ मैं अपने आप को साबित कर दूंगा।”

उनके पिता ने अपने सिर को हिलाया।

“बच्चे, तुम एक सिपाही नहीं हो। तुम अपने भाइयों के जैसे नहीं हो। तुम एक चरवाहे हो। तुम्हें बस यहीं रहना है। मेरे साथ। तुम्हें अपने कर्तव्यों का पालन करना है और उन्हें अच्छी तरह से करना होगा। किसी को भी इतना बड़ा सपना नहीं देखना चाहिए। अपने जीवन को गले लगाओ, और इसे प्यार करना सीखो।”

अपनी आँखों के सामने अपने जीवन को बिखरता देख उसका दिल टूटने लगा।

नहीं, उसने सोचा। यह नहीं हो सकता।

“लेकिन पिताजी —”

“चुप रहो!” वो चीखे, इतनी तीखी चीख मानो हवा को भी चीर देगी। बस बहुत हो गया। ये लो, वे लोग आ गए। रास्ते से हटो, और जब तक वो यहाँ है अपने शिष्टाचार का पालन करो।

उनके पिता आगे बढ़े और थोर को एक हाथ से परे कर दिया जैसे वो कोई वस्तु हो। उनकी मजबूत हथेली से जैसे थोर की छाती धंस गई थी।

एक गड़गड़ाहट की आवाज़ हुयी, और शहरवाले अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए ओर पंक्ति में लग गए। बहुत बड़े धूल के एक गुबार ने जैसे कारवां को ढक लिया था, और कुछ क्षणों के बाद वे गड़गड़ाहट के साथ दर्जनों घोड़ागाड़ी ले कर पहुंच गए।

वे कस्बे में अचानक सेना की तरह आए और थोर के घर के समीप ही अपना पड़ाव डाला। उनके घोड़े हांफते हुए वहीँ उछल रहे थे। धुल थमने में बहुत समय लग गया और थोर उत्सुकता से उनके कवच और उनके हथियार को छुप कर देखने की कोशिश कर रहा था। इसे पहले उसने सिल्वर को कभी इतने करीब से नहीं देखा था, उसका दिल जोरों से धड़क रहा था।

नेतृत्व करने वाले घोड़े पर बैठा सैनिक नीचे उतरा। और यह सचमुच में सिल्वर का सदस्य था, उसकी अंगूठी चमकदार थी और उसके बेल्ट पर एक लंबी तलवार थी। वह सच का मर्द था, तीस के आस-पास का दिखता था, चेहरे पर दाढ़ी थी, गाल पर गहरे निशान थे और उसकी नाक टेढ़ी थी मानो युद्ध में नाक टेढ़ी हो गई थी। थोर ने इसे पहले कभी इतना मजबूत आदमी नहीं देखा था, वो औरों के मुकाबले में दो गुना बड़ा था और ऐसे लक्षण थे मानो वह सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं।

सैनिक, मिट्टी की सड़क पर नीचे कूद गया, उसकी खनक लाइन में खड़े लडकों को प्रोत्साहित कर रही थी।

गाँव में ऊपर और नीचे से दर्ज़नों लड़के उम्मीद लिए ध्यान से खड़े थे। सिल्वर में शामिल होने का मतलब था - सम्मान भरा जीवन, युद्ध, यश की, महिमा का और साथ ही जमीन, एक शीर्षक और खूब धन पाने का। इसका मतलब था सबसे अच्छी दुल्हन, मन पसंद जमीन और एक यश भरा जीवन। इसका मतलब था आपके परिवार के लिए सम्मान और सेना में प्रवेश करना इसकी ओर पहला कदम था।

थोर ने सुनहरी गाड़ी का अध्ययन किया, और समझ गया कि वे केवल बस इतने से ही रंगरूटों को ले सकते हैं। यह एक बड़ा राज्य था, और उन्हें तो अभी और भी कस्बों में जाना था। वो घूँट भरने लगा क्योंकि अब उसे लगने लगा था उसकी सोच की तुलना में उसके चुने जाने की संभावना काफी कम थी। उसे अपने ही तीनों भाइयों के साथ उन सभी लड़कों को मात देनी होगी, उनमें कई तो बहुत पुष्ट थे। उसे सब ख़त्म होता सा लग रहा था।

सैनिक चुप्पी साधे उम्मीदवारों की पंक्तियों का सर्वेक्षण कर रहे थे, थोर को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। उन्होंने सड़क के उस पार से धीरे-धीरे चुनना शुरू किया। ज़ाहिर है थोर उन सभी लड़कों को जानता था। वो यह भी जानता था कि उनमें से कुछ तो नहीं चाहते थे वे चुने जाएँ जबकि उनके परिवार वाले उन्हें भेज देना चाहते थे। वे डरते थे कि कहीं वो बुरे सैनिक साबित ना हो जाएँ।

थोर अपमान से जलने लगा। उसे लग रहा था वो भी ओरों की तरह चुने जाने के लायक है। माना की उसके भाई उसे बड़े, लम्बे और मजबूत थे लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि उसे वहां खड़े होने का और चुने जाने का अधिकार नहीं था। अपने पिता के लिए उसके मन में घृणा ओर गहराने लगी और वह तकरीबन गुस्से से फट ही पड़ता कि सैनिक करीब आने लगे।

सैनिक उसके भाइयों के सामने आ कर रुक गए। उसने उन्हें ऊपर से नीचे देखा और प्रभावित दिखे। उसने फिर एक के म्यान को पकड़ा और जोर से खींच लिया, शायद वो निरीक्षण कर रहा था कि यह कितना मजबूत है।

वह मुस्कुराने लगा।

“तुमने अभी तक किसी भी युद्ध में अपने तलवार का इस्तेमाल नहीं किया है, क्यों हैं ना?” उसने ड्रेक से पूछा।

थोर ने अपने जीवन में पहली बार ड्रेक को इतना घबराया हुआ पाया।

“नहीं, मेरे स्वामी। लेकिन मैंने इसका प्रयोग अभ्यास के दौरान कई बार किया है, और मैं उम्मीद करता हूँ कि —”

“अभ्यास में!”

सैनिक जोर से हँसने लगा और दुसरे सैनिकों की और मुड़ा, वे लोग भी ड्रेक की हँसी उड़ाने में शामिल हो गए।

ड्रेक का चेहरा लाल हो गया। थोर ने पहली बार ड्रेक को इतना शर्मिंदा होते देखा था, आमतौर पर तो ड्रेक दूसरों की हँसी उड़ाता था।

“ठीक है तो मैं निश्चित रूप से दुश्मनों से कह दूंगा कि वो तुमसे डरें — तुमसे जो अपनी तलवार अभ्यास में चलाता है!”

सैनिकों की भीड़ फिर से हँसने लगे।

सैनिक फिर थोर के दुसरे भाइयों की ओर मुड़े।

“एक ही जगह से तीन लड़के,” उसने अपनी ठोड़ी पर उगी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए ने कहा। “यह अच्छी बात है। तुम सब की बनावट अच्छी हैं। प्रयोग नहीं किया है फिर भी। खरे उतरने के लिए तुम लोगों को और प्रशिक्षण की जरूरत होगी।”

वह रुक गया।

“मुझे लगता है इन सब के लिए जगह होगी।”

उसने वैगन के पीछे की ओर इशारा किया।

“अंदर आ जाओ, ओर जल्दी करो। इससे पहले मैं अपना मन बदल दूं।”

थोर के तीनों भाई मुस्कुराते हुए गाडी की ओर लपके। थोर ने अपने पिता को भी मुस्कुराते देखा।

उन्हें जाते देख वो बहुत हताश था।

सैनिक मुड़े और दुसरे घर की ओर बढ़ गए। थोर अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।

“सर!” थोर जोर से चिल्लाया।

उसके पिता ने मुड कर उसे घूरा, लेकिन थोर को अब कोई परवाह नहीं थी।

सिपाही रुका, उसकी पीठ थोर की ओर थी, और वह धीरे से मुड़ा।

थोर ने दो कदम आगे बढ़ाया, उसका दिल धड़क रहा था, और उसने अपना सीना जितना हो सके चौड़ा कर लिया।

“साहब, आपने मुझे तो देखा ही नहीं।” उसने कहा।

सैनिक चौंक गया, उसने थोर को ऊपर से नीचे देखा जैसे कि वो कोई मजाक हो।

“अच्छा मैंने नहीं देखा?” उसने कहा और जोर से हँसने लगा।

उसके आदमी भी हँसने लगे। लेकिन थोर ने कोई परवाह नहीं की। यह पल उसका था। अभी या फिर कभी नहीं।

“मैं सेना में शामिल होना चाहता हूँ!” थोर ने कहा।

सैनिक थोर की ओर बढ़ा।

“तो तुम अभी शामिल होना चाहते हो?”

वह खुश लग रहा था।

“और क्या तुम चौदह साल के हो भी?”

“जी सर। दो हफ्ते पहले ही हुआ हूँ।”

“दो हफ्ते पहले!”

सिपाही जोरों से हँसने लगा, उसके पीछे बाकी पुरुष भी हँसने लगे।

“अच्छा, तो तुम्हें देखते ही हमारे दुश्मन तो कांप जायेंगें”

थोर अपने अपमान से जलने लगा। उसे कुछ तो करना था। वो इसे यूं ही ख़त्म नहीं होने दे सकता था। सिपाही वापिस जाने के लिए मुड़ा, लेकिन थोर नहीं माना।

थोर आगे बढ़ा और चिल्लाया: “सर! आप गलती कर रहे हैं!”

सैनिक रुका और एक बार फिर जाने के लिए मुड़ा ही था, वहां मौजूद भीड़ में एक कंपकपी दौड़ गई।

अब वह गुस्से में था।

“बेवकूफ लड़के” उसके पिता ने उसे कन्धों से पकड़ कर ने कहा, “जाओ वापिस अंदर जाओ!”

“मैं नहीं जाऊँगा!” थोर अपने पिता की पकड़ को छुड़ाते हुए चिल्लाया।

सैनिक थोर की ओर बढ़ा, और उसके पिता पीछे हट गए।

“क्या तुम जानते हो कि सिल्वर के अपमान का दंड क्या है?” सैनिक बोला।

थोर का दिल जोरों से धडकने लगा लेकिन वह अब पीछे नहीं हट सकता था।

“साहब उसे माफ कर दीजिए,” उसके पिता ने कहा। “वो एक छोटा बच्चा है और...”

“मैं तुमसे बात नहीं कर रहा हूँ,” सिपाही ने कहा। एक तीखी नज़र से उसने थोर के पिता को दूर जाने के लिए मजबूर कर दिया।

सैनिक थोर की ओर मुड़ा।

“मुझे जवाब दो!” उसने कहा।

थोर थूक निगलने लगा, उससे बोला भी नहीं जा रहा था। उसने नहीं सोचा था ये सब होगा।

“सिल्वर का अपमान करना खुद राजा का अपमान है,” थोर ने धीरे से कहा।

“बिलकुल,” सिपाही ने कहा। “इसका मतलब है कि मैं चाहूँ तो तुम्हें चालीस कोड़े लगा सकता हूँ।”

“मेरा मतलब अपमान करना नहीं था, सर,” थोर ने कहा। “मैं तो बस शामिल होना चाहता था। दया कीजिए। मैंने जीवन भर इसका सपना देखा है। कृपा कीजिए। मुझे शामिल कर लीजिए।”

सिपाही ने धीरे से उसे देखा, उसके तेवर नर्म हो गए थे। थोड़े समय बाद उसने अपना सिर हिला दिया।

“तुम, एक जवान लड़के हो। तुम्हारे दिल में जोश है। लेकिन तुम अभी तैयार नहीं हो। जब तुम तैयार हो जाओ तो लौट आना।”

यह कहने के साथ ही दुसरे लड़कों की और देखे बगैर ही चला गया। वह तेजी से अपने घोड़े पर सवार हो गया।

हताश थोर ने उन्हें जाते देखा; वे जिस तेजी से आए थे उसी तेजी से जा चुके थे।

थोर ने फिर देखा कि सबसे आखिरी गाडी में उसके भाई सवार थे, वे उसकी ओर देख रहे थे और मजाक उड़ा रहे थे। उसकी आँखों के सामने उन्हें एक अच्छे जीवन के लिए ले जाया जा रहा था।

अंदर से थोर को मरने की इच्छा हुयी।

उसके चारों ओर उत्साह फीका होने लगा, गाँव वाले अपने घरों की ओर लौट गए।

“क्या तुम समझ पा रहे हो कि तुम कितने मूर्ख हो, मूर्ख लड़के?” थोर के पिता ने उसे कंधों से पकड़ कर ने कहा। “क्या तुम्हें एहसास भी है कि तुम अपने भाईयों के मौके को भी बर्बाद कर सकते थे?”

थोर ने गुस्से से अपने पिता के हाथ को धकेल दिया, और उसके पिता ने मुड़ कर उसके चेहरे पर एक थप्पड़ जड़ दिया।

थोर को यह बहुत चुभ गया था और अपने पिता को घूरने लगा। पहली बार उसके मन में ख़याल आया कि पलट कर अपने पिता पर वार कर दें। लेकिन उसने अपने आप को संभाल लिया।

“जाओ जा कर भेड़ ले आओ। अभी! और जब तुम लौट कर आओ तो मुझ से भोजन की उम्मीद मत करना। तुम्हें आज रात का भोजन नहीं मिलेगा, और तुम सोचो कि तुमने क्या किया है।”

“शायद मैं बिल्कुल भी वापस नहीं आऊँगा!” बाहर, अपने घर से दूर पहाड़ की ओर भागते हुए वो चिल्ला कर बोला।

“थोर!” उसके पिता चिल्लाए। सड़क पर खड़े कुछ गाँव वाले रुक कर देखने लगे।

थोर तेजी से चलने लगा, वो इस जगह से बहुत दूर जाना चाहता था, और फिर वो दौड़ने लगा। उसको यह ध्यान भी नहीं रहा कि उसकी आँखों में आंसू भर आए थे, अब तक के उसके सभी सपने जैसे कुचल दिए गए थे।




अध्याय दो


थोर गुस्से से उबल रहा था, वह घंटों पहाड़ी पर घूमता रहा, और फिर अंत में उसने एक पहाड़ी चुन लिया और उस पर अपने पैरों को हाथों से पकड़ कर क्षितिज के उस पार देखते हुए बैठ गया। उसने गाडी को आँखों से ओझल होते हुए देखा, उसके घंटों बाद भी धूल के गुबार को उसने उड़ते हुए देखा।

अब और कोई दौरा नहीं होगा। यदि वे कभी वापिस आयें भी तो, एक और मौके के लिए उसे बरसों इंतज़ार करना पड़ेगा — उसके भाग में तो बस इसी गाँव में रहना लिखा है। क्या पता उसके पिता अब एक और मौके की इजाजत दें भी या नहीं। अब तो घर में बस वो और उसके पिता रहेंगें, और यह बात तो पक्की है कि उसके पिता अब अपना पूरा गुस्सा उस पर ही निकाला करेंगें। सालों गुजर जायेंगे और वो बस अपने पिता का सेवक बन कर रह जाएगा, अपने पिता की तरह ही उसे भी यह बेमतलब की ज़िन्दगी यहीं गुज़ारनी पड़ेगी — जबकि उसके भाई गौरव और यश की प्राप्ति करेंगें। उसकी नसों में जैसे खून खौल रहा था। उसका मकसद ऐसी ज़िन्दगी जीने का कतई नही था। वह यह जानता था।

थोर अपने दिमाग पर जोर दे रहा था कि वो कुछ भी ऐसा करे जिससे कि वो यह सब बदल सके। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। उसके किस्मत में तो बस ये ही पत्ते निकले थे।

घंटों बैठने के बाद वह हताश हो कर उठा और जाने पहचाने रास्ते से पहाड़ी से ऊपर और ऊपर की ओर चलने लगा। जैसा निश्चित था, वो पहाड़ी के ऊपर झुण्ड की ओर चला गया। वो ऊपर की ओर चढ़ रहा था और सूरज भी अपने जोरों पर था। ऐसे ही घुमते हुए उसने बड़े आराम से, बेखबर हो कर कमर पर लगी गुलेल को हटाने लगा, सालों के उपयोग से चमड़े की पकड़ काफी अच्छी हो गई थी। कूल्हे पर बंधे बोरी में से वह चिकने पत्थरों को सहलाने लगा, हर एक पत्थर दुसरे से नर्म था, ये पत्थर उसने सबसे अच्छे नदी नालों से इकट्ठे किए थे। वह कभी चिड़ियों पर तो कभी चूहों पर निशाना साधता। उसकी यह आदत उसमें बरसों से अंतर्निहित थी। शुरू में तो उसके सारे लक्ष्य चूक गए; लेकिन फिर बाद में एक चलते हुए लक्ष्य पर उसका निशाना लग गया। और तब से उसका हर एक निशाना सही था। अब तो पत्थर मारना उसकी आदत बन गयी थी — और इससे उसे अपने गुस्से को कम करने में मदद मिली। उसके भाई वृक्ष के तने को तलवार से काट सकते थे —लेकिन वे कभी भी उड़ते पक्षी पर निशाना नहीं साध सकते थे।

थोर ने गुलेल पर एक पत्थर रखा और उसे आंख मूंदकर इतने जोरों से छोड़ा मानो अपने पिता पर निशाना लगा रहा हो। उसका निशाना दूर स्थित एक पेड़ पर जा लगा, और उसकी एक शाखा नीचे गिर गई। जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि वो सच में चलते जानवरों पर निशाना लगा सकता था तो उसने उन पर निशाना लगाना बंद कर दिया; अब उसका लक्ष्य पेड़ों की शाखाएं थी। जब तक निस्संदेह कोई लोमड़ी उसके झुण्ड के पीछे नहीं आती। समय के साथ-साथ वे भी उसके निशाने पर आने से बचना सीख गए थे, परिणाम स्वरुप थोर की भेड़ें अब पूरे गांव में सबसे सुरक्षित थी।

थोर अपने भाईयों के बारे में सोचने लगा, यह कि वो अभी कहाँ हो सकते थे और वो गुस्से से उबलने लगा। एक दिन की सवारी के बाद वे राजा के दरबार में पहुँच जायेंगें। वो यह सब तस्वीर देख पा रहा था। वह देख पा रहा था, बड़ी धूम-धाम से उनका स्वागत किया जा रहा है, बेहतरीन कपड़े पहने लोग उन्हें देखने के लिए आए थे। योद्धा उनका स्वागत कर रहे थे। सिल्वर के सदस्य भी। उन्हें अन्दर ले जाया जायेगा, उन्हें क्षेत्र के बैरक में रहने की जगह दी जायेगी, राजा के मैदान में बेहतरीन हथियारों सहित उन्हें प्रशिक्षण के लिए ले जाया जाएगा। प्रत्येक को एक प्रसिद्ध नाइट की पदवी से सम्मानित किया जाएगा। एक दिन वे खुद अनुचर बन जायेंगे, उनके अपने घोड़े होंगे, अपने हथियार होंगे और उनके भी अपने अनुचर होंगें। वे सभी समारोहों में हिस्सा लेंगें और राजा की मेज पर भोजन करेंगे। यह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला जीवन था। और यह उसके हाथ से फिसल गया था।

थोर ने शारीरिक रूप से अपने आपको बीमार महसूस किया, और अपने मन से सब कुछ निकालने का प्रयास किया। लेकिन उसके भीतर एक उसका अपना एक हिस्सा था जो उस पर चिल्ला रहा था। उसका वो हिस्सा उसे कह रहा था कि वो उम्मीद ना छोड़े, उसका भाग्य इससे भी कहीं बेहतर है। उसे नहीं मालूम था कि वो क्या है, लेकिन वह जानता था वो यहाँ नहीं है। उसे लग रहा था वो बिलकुल अलग है। शायद और भी ख़ास। यहाँ तक कि कोई भी उसे समझ ही नहीं पाया था। और सब ने उसे कम आंका है।

थोर उच्चतम टीले पर पहुँच गया और उसने अपने झुंड को देखा। वे सभी झुण्ड में थे, उन्हें अच्छा प्रशिक्षण मिला था, जो कुछ भी घास उन्हें मिला वो बड़े संतुष्ट हो कर उसे खा रहे थे। उसने उनकी पीठ पर लगे लाल निशान के आधार पर उनकी गिनती की। गिनती खत्म होने पर उसे एक धक्का लगा। उनमें एक भेड़ कम थी।

उसने फिर से गिना, और एक बार फिर। उसे विश्वास नहीं हो रहा था: एक भेड़ गायब थी।

थोर ने इससे पहले कभी कोई भेड़ नहीं खोयी थी, और उसके पिता अब उसे कभी माफ़ नहीं करेंगें। इससे भी बुरा उसे ये लग रहा था कि एक भेड जंगल में अकेली और कमजोर थी। उसे यह बहुत बुरा लग रहा था कि एक निर्दोष को सहना पड़ रहा है।

थोर टीले के ऊपर चढ़ कर चारों ओर तब तक देखता रहा जब तक उसे वो अकेला, लाल निशान वाली भेड़ दिख ना जाए। वो भेड़ झुण्ड में सबसे बिगडैल थी। जब उसे एहसास हुआ कि वो केवल भागा ही नहीं था बल्कि पश्चिम की ओर गहरे जंगल की तरफ जा रहा था तो उसका दिल बैठ गया।

थोर ने थूक निगला। गहरे जंगल में जाने की इजाजत नहीं थी – भेड़ ही नहीं बल्कि इंसानों को भी। यह गाँव की सीमा से बाहर था, जब से उसने चलना सीखा है तब से थोर जानता था वहाँ जाना मना है। वो वहाँ कभी नहीं गया था। ने कहानियों में कहा गया है कि वहाँ जाने का मतलब है निश्चित मौत, यह जंगल अगोचर और शातिर जानवरों से भरा हुआ था।

थोर ऐसे ही विचार करते हुए काले आसमान की ओर देखने लगा। वो अपने भेड़ को यूं ही नहीं जाने दे सकता था। वो सोचने लगा यदि थोड़ी और तेज चला जाए तो हो सकता है उसे समय पर वापिस ला सकूं।

एक आखिरी बार उसने मुड़ कर देखा और फिर पश्चिम की ओर गहरे जंगल की तरफ़ भागने लगा, ऊपर घने बादल छाये हुए थे। उसे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, ऐसा लग रहा था मानो उसके अपने पैर उसे कहीं लिए जा रहे थे। उसे एहसास हुआ वह चाहे तो भी अब वापिस नहीं जा सकता था।

यह सब एक दुःस्वप्न जैसा लग रहा था।

*

थोर बिना रुके कई पहाड़ियों को पार करते हुए घने जंगलों में पहुँच गया, जहां जंगल शुरू होता था वहीँ जाकर निशान ख़त्म हो गए थे, और वह अब भागता हुआ एक गुमनाम क्षेत्र में पहुँच गया था, पत्तियाँ उसके पैरो तले चर-मरा रही थी।

जैसे ही उसने जंगल में कदम रखा, उसे अँधेरे ने जैसे घेर लिया, उसके ऊपर इतने ऊंचे पेड़ थे जो रौशनी को रोक रहे थे। यहाँ ठण्ड काफी थी, और जैसे ही उसने सीमा पार की उसने भी सिहरन महसूस की। यह सिहरन ठण्ड से या अँधेरा से नहीं थी ­ यह तो कुछ और था। कुछ ऐसा जिसे वो नाम नहीं दे पा रहा था। कुछ ऐसा मानो जैसे कोई उस पर नज़र रख रहा हो।

थोर ने लहराते और हवा में चरमराती हुई प्राचीन शाखाओं को देखा। वह मुश्किल से पचास कदम चला ही था कि उसे जानवरों की अजीब सी आवाज सुनाई देने लगा। वह पीछे मुड़ कर उस ओर देखने लगा जहां से वो अन्दर आया था; उसको जैसे पहले से ही एहसास हो गया था कि अब वापिस जाने का कोई रास्ता नहीं था। वह झिझक रहा था।

घना जंगल तो हमेशा से शहर की परिधि में था और थोर की चेतना की परिधि पर भी, बहुत गहरा सा और काफी रहस्यमयी भी। कभी भी किसी भेड़ के गहरे जंगल में जाने पर किसी भी चरवाहे की इतनी हिम्मत नहीं होती थी कि वो उसकी खोज में निकल पड़े। यहां तक ​​कि उनके पिता भी। इस जगह से जुड़ी ने कहानियां भी गहरी और जबर्दस्त थी।

लेकिन आज कुछ अलग थी जिसकी वजह से थोर को अब किसी बात की परवाह नहीं थी, उसे अब कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। उसका एक मन तो कह रहा था की अपने घर से जितनी दूर हो सके निकल जाए, चाहे जिन्दगी कहीं भी ले जाए।

वह काफी आगे तक निकल चुका था, अब उसे समझ नहीं आ रहा था किस और जाए, ये सोच कर वह रुक गया। उसे कुछ निशान दिखे, जिस ओर उसकी भेड़ गई होगी वहां पर शाखाएं झुकी हुयी थी और वह उस ओर मुड़ गया। कुछ देर बाद वह फिर मुड़ा।

एक घंटा और बीत गया, अब वह भटक गया था। वह याद करने का प्रयास करने लगा कि वह किस ओर से आया था लेकिन उसे तो कुछ भी याद नहीं था। उसके पेट में बल पड़ रहे थे, उसे लगने लगा था बाहर निकलने का रास्ता बस सामने वाला है और फिर वह बढ़ता चला गया।

कुछ दूरी पर थोर को सूर्य के प्रकाश की एक लड़ी दिखाई दी और वो उस और बढ़ गया। थोड़ी सी खुली और साफ़ जगह पर उसने अपने आपको स्थिर कर लिया और जो उसने देखा उसे अपने आँखों पर विश्वास नहीं हुआ।

वहाँ थोड़ी दूरी पर एक लंबे, नीले साटन का लिबास पहने एक आदमी थोर की ओर पीठ किये खड़ा था। उसे एहसास हो रहा था कि वो सिर्फ एक आदमी नहीं है। वह तो कुछ और ही लग रहा था। शायद कोई पुरोहित था। वह काफी लम्बा था और बिलकुल सीधे खड़ा था, सर पर टोप लिए एकदम चुपचाप, ऐसा लग रहा था मानो उसे पूरी दुनिया में किसी का भी फ़िक्र नहीं था।

थोर को पता नहीं था कि क्या करे। उसने पुरोहितों के बारे में सुन तो रखा था लेकिन कभी सामना नहीं हुआ था। उसके पोशाक से और सोने से सज्जित उसकी शख्सियत यही बतला रहे थे वो कोई साधारण पुरोहित नहीं था: यह सब तो शाही था। थोर को समझ नहीं आया। एक शाही पुरोहित भला यहाँ क्या कर रहा था?

एक अनंत काल जैसा महसूस करने के बाद, पुरोहित धीरे से मुड़े और उसकी ओर मुख किया, और जैसे वे मुड़े थोर ने उनका चेहरा पहचान लिया। उसकी तो मानो जैसे सांसें थम सी गई थी। वह राजा का निजी पुरोहित था: राज्य में सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक। आर्गन, सदियों से पश्चिमी साम्राज्य के राजाओं का सलाहकार। लेकिन वो राजमहल से दूर यहाँ घने जंगलों में क्या कर रहे थे, यह एक रहस्य था। थोर को लग रहा था कि कहीं यह सब कल्पना तो नहीं।

“आपकी आँखें आप को धोखा नहीं देती है,” आर्गन ने सीधे थोर को घूरते हुए ने कहा।

उसकी आवाज प्राचीन और गहरी थी, जैसे मानो वृक्ष ही कुछ बोल रहे थे। उसकी बड़ी, पारदर्शी आँखें उसे जैसे अन्दर तक चीर रही थी। थोर को एक गहरी ऊर्जा की अनुभूति हुई, मानो जैसे वो सूरज के सामने खड़ा था।

थोर ने तुरंत अपने घुटने टेक दिए और अपने सिर को झुका दिया।

“मेरे स्वामी,” उसने कहा। “आपको परेशान करने के लिए माफी चाहता हूँ।”

राजा के सलाहकार का अनादर करने का परिणाम कारावास या मौत ही होता है। यह तथ्य उसके दिमाग में उसके जन्म से ही बैठ गया था।

“उठो बच्चे,” आर्गन ने कहा। “यदि मैं चाहता कि तुम मेरे सम्मुख झुको तो मैं ऐसा कह देता।”

थोर धीरे से उठा और उनकी ओर देखने लगा। आर्गन चल कर उसके करीब आये। वह रुक गए थे और थोर को घूरने लगे, थोर अस्वस्थ महसूस करने लगा था।

“तुम्हारी आँखें तुम्हारी माँ जैसी हैं,” आर्गन ने कहा।

थोर भौचक्का रह गया। वह कभी अपनी माँ से नहीं मिला था, और वो अपने पिता के अलावा किसी ओर से कभी नहीं मिला जो उसकी माँ को जानता था। उसे कहा गया था कि बच्चा जनते समय उसकी माँ चल बसी थी, यह कुछ ऐसा था जिसके लिए वो सदैव अपने आपको दोषी समझता था। उसे हमेशा यह शक रहता था कि शायद इसीलिए उसका पूरा परिवार उससे नफरत करता था।

“मुझे लगता है कि आप मुझे कोई ओर समझ रहे हैं,” थोर ने कहा। “मेरी माँ नहीं हैं।”

“अच्छा तो नहीं हैं?” आर्गन ने मुस्कुराते हुए पूछा। “तो तुम्हें किसी आदमी ने अकेले ही जन्म दिया है क्या?”

“सर, मेरे कहने का मतलब था की मेरी माँ का देहांत मुझे जन्म देते हुए हुआ था। मुझे लगता है आप मुझे कोई ओर समझ रहे हैं।”

“तुम मैकलियोड़ कबीले से, थोग्रिन हो। चार भाईओं में सबसे छोटे, जिसका चयन नहीं हुआ था।”

थोर की आँखें फटी रह गयी। उसको समझ नहीं आ रहा था, इससे क्या आशय निकाला जाए। यह उसकी समझ से परे था, कोई आर्गन जैसे ओहदे वाला जानता था कि वो कौन है। उसने तो कभी सोचा भी नहीं था कि अपने गाँव के बाहर भी उसे कोई जानता है।

“आप.... यह कैसे जानते हैं?”

आर्गन जवाब दिए बिना ही मुस्कुरा दिया।

अब अचानक थोर की उत्सुकता बढ़ गयी थी।

“कैसे....” थोर ने हिचकिचाते हुए ने कहा, “...आप मेरी माँ को कैसे जानते हैं? क्या आप उनसे मिले हैं? वो कौन थी?”

आर्गन मुड़े और वहां से चल दिए।

“प्रश्नों को किसी ओर समय के लिए छोड़ दो” उन्होंने कहा।

थोर ने हैरानी से उन्हें जाते हुए देखा। यह एक चकरा देने वाला और रहस्यमयी मुलाक़ात थी, और यह सब बहुत तेज़ी से हो रहा था। उसने निश्चय किया कि वो उन्हें यूं ही नहीं जाने देगा; वह जल्दबाजी में उनके पीछे चल पड़ा।

“आप यहाँ क्या कर रहे हैं?” बात को आगे बढाते हुए थोर ने पुछा। आर्गन अपनी हाथी दांत से बनी छड़ी का उपयोग करते हुए भ्रामक रूप से तेज चलने लगे। “आप मेरा इंतज़ार तो नहीं कर रहे थे, क्यों हैं न?”

“तो फिर किसका?” आर्गन ने पुछा।

उनके पीछे–पीछे थोर तेज़ी से जंगल के अन्दर की ओर चला गया। “लेकिन मेरा ही क्यों?” आपको कैसे पता, मैं यहाँ आऊँगा? आपको आखिर क्या चाहिए?”

“इतने सारे सवाल, आर्गन ने कहा। “तुम्हें पहले सुन लेना चाहिए।”

थोर चुप रहने का प्रयत्न करते हुए घने जंगल में उनके पीछे चल दिया।

“तुम अपने भेड़ को ढूँढने आये हो,” आर्गन ने कहा। “यह एक अच्छा प्रयास है, लेकिन तुम अपना वक़्त बर्बाद कर रहे हो। वो जिन्दा नहीं होगी।”

थोर की आँखें फटी रह गयी।

“आप यह कैसे जानते हैं”

“लड़के, मैं दुनिया के बारे में ऐसी बातें जानता हूँ जो तुम कभी नहीं जान पाओगे। कम से कम अभी तक तो नहीं।”

थोर को उनसे कदम मिलाते हुए ताज्जुब हो रहा था।

“हालांकि, तुम सुनोगे नहीं। यह तुम्हारी प्रकृति है। बिलकुल जिद्दी। अपनी माँ की तरह। तुम तो बस दृढ निश्चय के साथ अपनी भेड़ को बचाने उसके पीछे जाओगे ही।”

आर्गन ने उसकी सोच को पढ़ लिया था तो थोर का चेहरा लाल हो गया।

“तुम एक सख्त लड़के हो,” उन्होंने आगे ने कहा। “दृढ-संकल्प वाले। बहुत स्वाभिमानी। सब सकारात्मक गुण है। लेकिन यही एक दिन तुम्हारे पतन का कारण होगा।”

आर्गन थोड़े और ऊपर की ओर चढ़ने लगा, और थोर भी उनके पीछे चल दिया।

“तो तुम राजा की सेना में शामिल होना चाहते हो?”

“जी हाँ,” थोर ने उत्सुकता से कहा। “क्या मुझे एक मौका मिल सकता है? क्या आप इसे संभव कर सकते है?”

आर्गन जोर से हंसने लगे, उसकी गहरी और भद्दी आव़ाज से थोर के शरीर में कंपकपी दौड़ गयी।

“मैं चाहूँ तो सब कुछ या फिर कुछ भी नहीं कर सकता। तुम्हारा भविष्य तो पहले से ही तय है। लेकिन तुम्हें तय करना है, तुम किसका चयन करते हो।”

थोर को कुछ समझ नहीं आया।

वे चोटी के शिखर पर पहुँच गए थे, वहां आर्गन रुके और थोर की ओर मुखातिब हुए। थोर बस उनसे केवल एक ही फीट की दूरी पर था, और आर्गन से आ रही ऊर्जा का प्रवाह उसे जला रहा था।

“तुम्हारा भविष्य काफी महत्वपूर्ण है,” उन्होंने कहा। “इसकी उपेक्षा मत करो।”

थोर की आँखें फटी रह गयी। उसका भाग्य? महत्वपूर्ण? उसको अब गर्व की अनुभूति हो रही थी।

“मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा। आप तो पहेलियों में बात करते हैं। कृपा करके मुझे और भी बताईए।”

आर्गन गायब हो चुका था।

थोर का मुँह खुला रह गया। उसने भौचक्का हो कर हर ओर ध्यान से देखा। क्या सब उसकी कल्पना थी? कोई भ्रम था? थोर चोटी के शिखर पर खड़ा हो कर, अपने लाभ की सोचते हुए, जहां तक उसकी दृष्टि जाती उसके परे वो जंगल खंगालने लगा। उसे थोड़ी दूर पर कुछ हिलता हुआ नज़र आया। उसे एक आव़ाज सुनाई दिया, और उसे विश्वास हो गया कि यह बस उसकी भेड़ थी।

वह जंगल के रास्ते वापस ध्वनि की दिशा में, काई से भरे रास्ते में से ठोकर खाते हुए जल्दी से नीचे की ओर चला गया। जाते-जाते वह आर्गन के साथ उसकी मुलाक़ात को भुला नही पा रहा था। उसे तो विश्वास ही नहीं था कि ऐसा भी कुछ हुआ है। कहीं ओर ना हो कर राजा का पुरोहित इस जगह क्या कर रहा था? वे तो उसी का इन्तज़ार कर रहे थे। लेकिन क्यों? और उसके भाग्य के बारे में से उनका क्या मतलब था?

थोर जितना ये सब समझना चाह रहा था उतना ही उलझ रहा था। आर्गन ने उसे लालच भी दिया और साथ ही आगे ना बढ़ने के लिए चेतावनी भी। अब जब वो आगे को बढ़ रहा था, थोर को एक सशक्त पूर्वाभास का अनुभव हुआ, मानो कुछ महान कार्य घटित होने वाला हो।

जब उसने मुड़ के देखा तो सामने का नज़ारा देख कर वहीँ जड़वत हो गया। अब तक के सारे दू:स्वप्न जैसे सच हो गए थे। उसके रोंगटे खड़े हो गए थे, उसे अब एहसास हो गया था की जंगल के इतने भीतर आ कर उसने बहुत बड़ी गलती कर दी थी।

उसके सामने बस तीस कदम की दूरी पर सीबोल्ड था। वह काफी मजबूत था, देखने में एक घोड़े के बराबर था, पूरे जंगल में इसे सबसे खतरनाक माना जाता है, शायद पूरे राज्यभर में। उसने इसकी कथाएँ तो सुन रखी थी लेकिन असली में कभी देखा नहीं था। यह तो देखने में एक शेर जैसा था, लेकिन उससे भी बड़ा, चौड़ा, इसकी चमड़ी चमकीली लाल और आँखें पीली और प्रकाशमान थी। पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि उसे उसका लाल रंग मासूम बच्चों के खून से मिला है।

थोर ने ऐसे जानवर की कथाएँ तो सुन रखी थी, और ये सब बातें भी सच हो जरूरी नहीं था। वो शायद इसीलिए था क्योंकि इसके साथ मुठ्भेड के बाद कभी कोई जिन्दा बचा ही नहीं हो। कुछ तो सीबोल्ड को जंगल का भगवान् मानते थे, और एक संकेत भी। यह संकेत भला क्या हो सकता था। थोर को इसका कोई अनुमान नहीं था।

वह सावधानी से पीछे हट गया।

सीबोल्ड का जबड़ा आधा खुला हुआ था, जहरीले दांत से लार गिर रही थी, और वह अपनी पीली आँखों से उसे घूर रहा था। गायब हुई भेड़ उसके मुँह में थी: वो उसके मुंह में उल्टा लटकी हुई थी, मिमियाते हुए उसके आधे शरीर पर उसके दांत गढ़े हुए थे। वो तो बस जैसे मर गया था। ऐसा लग रहा था जैसे सीबोल्ड को अपने शिकार को मारते हुए मज़ा आ रहा था, वो भी धीरे-धीरे।

थोर को अपनी भेड़ का मिमियाना बर्दाश्त नहीं हो रहा था। भेड़ कराह रही थी, असहाय सी और इसके लिए अपने आप को जिम्मेदार मान रहा था।

थोर को लग रहा था कि उसे तो बस वहां से भागना चाहिए, लेकिन वो जानता था कि यह प्रयास बेकार होगा। यह जानवर तो किसी को भी भागने में पछाड़ सकता था। भागने से तो वो और भी उद्दंड हो जाएगा। और वो अपने भेड़ को यूं ही मरने के लिए नहीं छोड़ सकता था।

वो डर से वहीँ जम गया, और जानता भी था कि उसे अब कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा।

वो प्रतिक्रिया के लिए तैयार हो गया। उसने धीरे से अपने थैले में से एक पत्थर निकाला और गुलेल पर चढ़ा दिया। कांपते हाथों से उसने निशाना साधा, एक कदम आगे बढ़ाया और फिर वार कर दिया।

पत्थर हवा में लहराता हुआ अपने निशाने पर लग गया। एकदम सटीक निशाना। वह भेड़ की पुतलियों से होता हुआ उसके दिमाग में धंस गया।

भेड़ ठंडी पड़ गई। वह मर गयी थी। थोर ने भेड़ को सभी पीड़ा से मुक्त कर दिया था।

अपने खिलौने को मरते देख सीबोल्ड थोर पर आग बबूला हो गया। उसने धीरे से अपने जबड़े खोल दिए और भेड़ को नीचे गिरा दिया, भेड़ नीचे जमीन पर धम से गिर पड़ी। और उसके बाद उसने अपनी नजरें भेड़ पर गड़ा दी।

वह जोर से दहाड़ा, उसकी वो आव़ाज मानो जैसे उसके पेट के अंदर से निकली हो।

जैसे ही वो उसकी ओर लपका, थोर ने, धड़कते दिल से अपने गुलेल पर एक और पत्थर चढ़ा दिया और एक बार फिर निशाना साधने के लिए तैयार हो गया।

सीबोल्ड अब छलांगें लगाता हुआ दौड़ने लगा, इतना तेज़ कि थोर ने कभी भी अपने पूरे जीवन में किसी को ऐसे दौड़ते नहीं देखा था। यह प्रार्थना करते हुए कि निशाना सटीक हो, थोर ने एक कदम आगे को बढ़ाया और गुलेल से पत्थर दे मारा, वो जानता था कि उसे एक बार और गुलेल पर निशाना साधने का मौका नहीं मिलेगा।

पत्थर जानवर की दाहिनी आँख पर जा लगा और उसे भेद दिया। यह काफी जबरदस्त था, अगर कम ताकतवर जानवर होता तो घुटने टेक देता।

लेकिन यह तो कोई साधारण जानवर नहीं था। इसे रोकना नामुमकिन था। चोट लगने से वो अब दहाड़ने लगा, लेकिन शांत बिलकुल नहीं हुआ। एक आँख के चले जाने के बाद, बावजूद इसके कि उसके दिमाग में पत्थर धंसा हुआ था, वो थोर की ओर लपक पडा। थोर अब कुछ भी नहीं कर सकता था।

एक निमिष के बाद तो वो जानवर बिलकुल थोर के ऊपर था। उसने अपने बड़े पंजों को उसके कंधों पर दे मारा।

थोर चीख पडा। उसे ऐसा लगा मानो उसके मांस को तीन-तीन चाक़ू से काटा गया हो, गरम खून की धारा तुरंत ही बह निकली।

जंगली जानवर ने उसे ज़मीन पर गिरा दिया, वह उसके चारों पैरों तले दबा हुआ था। भार इतना ज्यादा था जैसे कोई हाथी उसकी छाती पर खड़ा हो। थोर को लगा उसकी हड्डी-पसली चरमरा रही हो।

जंगली जानवर ने जोर से अपने सर को पीछे की ओर किया, उसने अपने जहरीले दांत दिखाते हुए अपने जबड़ों को पूरा खोल दिया और थोर की गर्दन की ओर बढाने लगा।

जैसे उसने मुँह बढ़ाया थोर ने बढ़ कर उसके गर्दन को पकड़ लिया; यह बिलकुल सख्त मांसपेशी को पकड़ने जैसा था। जैसे-जैसे उसके दांत नीचे की ओर आते गए उसकी बांह कांपने लगी। उसने उसकी गर्म साँसों को अपने पूरे चेहरे पर महसूस किया, उसकी लार टपक कर गर्दन पर गिर रही थी। एक गहरे तेज दहाड़ ने थोर के कानों को जला दिया। उसे मालूम था कि अब वो नहीं बचेगा।

थोर ने अपनी आँखें बंद कर ली!

हे भगवान्, दया करो। मुझे शक्ति दो। मुझे इस जानवर से लड़ने की ताकत दो। दया करो। मैं तुमसे भीख मांगता हूँ। तुम जो कहोगे मैं वो सब करूंगा। मुझ पर आपका बहुत बड़ा उपकार होगा।

और तभी कुछ हुआ। थोर को अपने अन्दर, अपने नब्जों के भीतर बहुत तेज़ गर्मी की अनुभूति हुई, जैसे भरपूर ऊर्जा उसमें आ गयी हो। उसने अपनी आँखें खोली और उसने कुछ जैसा देखा जिसे वो चौंक गया: उसके हथेलियों से पीली रौशनी निकल रही थी, और जब उसने जंगली जानवर की गर्दन को पीछे धकेला, तो अद्भुत रूप से, उसमें इतनी शक्ति थी कि उसे वो अपने से दूर पकडे रख सकता था।

थोर उसे तब तक धकेलता रहा जब तक वो वास्तव में उसे पीछे की ओर धकेल पाया। उसकी शक्ति बढ़ गयी थी और उसे अपने में तोप के गोले जैसी ऊर्जा की अनुभूति हुई – और फिर तुरंत ही जंगली जानवर पीछे की ओर, दस फीट दूर जा गिरा। वो अपनी पीठ के बल गिरा था।

थोर उठ कर बैठ गया, उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ था।

जानवर अपने पैरों पर खड़ा हो गया। और फिर, गुस्से से धधकता हुआ वो एक बार फिर लपका – लेकिन इस बार थोर को कुछ अलग सा महसूस हुआ। उसमें ऊर्जा का प्रवाह धधक उठा, वो अपने आपको इतना शक्तिशाली महसूस करने लगा जैसा पहले कभी महसूस नहीं हुआ।

जैसे ही जंगली जानवर उसकी ओर लपका, थोर नीचे को झुक गया, और फिर उसे उसके पेट से पकड़ कर जोर से उसी की गति से फेंक दिया।

जंगली जानवर जंगल के अन्दर एक पेड़ से टकरा कर जमीन पर गिर पड़ा।

थोर भौचक्का हो कर देखता रहा। क्या उसने सीबोल्ड को सच में अभी पटक दिया था?

जंगली जानवर ने दो बार पलकें झपकाई, और थोर की ओर देखने लगा। वह फिर से उठा और एक बार फिर लपक पड़ा।

इस बार जैसे ही जंगली जानवर उसकी ओर लपका, थोर ने उसे उसकी गर्दन से पकड़ लिया। दोनों ही ज़मीन पर गिर पड़े, जानवर थोर के ऊपर था। लेकिन थोर ने पलटी खा कर उसके ऊपर आ गया। जानवर अपने सर को उठा कर बार-बार उस पर अपने दांत गढ़ाने की कोशिश करता रहा, ऐसे में थोर ने उसे पकडे रखा, वो अपने दोनों हाथों से उसका दम घोंट रहा था। वो बस चूक गया था। थोर को एक नयी शक्ति का एहसास हुआ, उसने अपने हाथों को जोर से कस दिया और उसे जाने नहीं दिया। उसने उस ऊर्जा को अपने अन्दर आने दिया। और फिर जल्द ही वह अपने आप को उस जानवर से भी ताकतवर महसूस करने लगा।

वो सीबोल्ड का दम घोंट कर उसे मारने की कोशिश कर रहा था। आखिरकार, जानवर निर्जीव हो गया।

थोर ने पूरे एक मिनट के लिए अपनी पकड़ को बनाए रखा।

वह सांस लेने की कोशिश करता हुआ धीरे से उठ कर खड़ा हो गया, फटी आँखों से नीचे की ओर देखते हुए, उसने अपनी जख्मी बांहों को थाम रखा था। अभी यहाँ क्या हुआ था? क्या उसने, थोर ने, अभी सीबोल्ड को मार दिया था?

उसे लगा, बाकी दिनों से अलग आज के दिन, यह एक संकेत था। उसे लगा जैसे कुछ महान काम हो गया था। उसने अभी – अभी अपने राज्य के सबसे खूंखार और डरावने जंगली जानवर को मार दिया था। बिना किसी हथियार के, वो भी अकेले। यह सब सच नहीं लग रहा था। कोई भी उसकी बात पर विश्वास नहीं करेगा।

वो सोच रहा था ऐसी कौन सी शक्ति थी जिसका वो गुलाम हो गया था, इस सबका क्या मतलब था, वो कौन था, उसकी पूरी दुनिया जैसे घूम रही थी। ऐसे माना जाता है कि केवल राज पुरोहितों को ही ऐसी शक्ति हासिल है। लेकिन उसके माता-पिता तो कोई पुरोहित नहीं थे, इसका मतलब वो भी पुरोहित नहीं हो सकता।

या फिर क्या हो सकता?

उसे लगा कोई उसके पीछे है, जैसे ही पलटा उसने आर्गन को वहां खड़े पाया जो जानवर को घूर रहा था।

“आप यहाँ कैसे आये?” थोर ने चौंक कर पुछा।

आर्गन ने उसे अनदेखा कर दिया।

“अभी यहाँ जो हुआ, क्या आपने देखा?” थोर ने अविश्वसनीय रूप से पुछा। “मैं नहीं जानता मैंने यह सब कैसे किया।”

“लेकिन तुम जानते हो” आर्गन ने जवाब दिया। “अन्दर ही अन्दर तुम यह जानते हो। तुम ओरों से अलग हो।”

“यह बस एक.... शक्ति प्रवाह जैसा था,” थोर ने कहा। “ऐसी शक्ति जिसे मैं भी नहीं जानता था कि मुझ में है।”

“ऊर्जा से भरा मैदान,” आर्गन ने कहा। “एक दिन तुम यह सब बहुत अच्छे से जान जाओगे। तुम इसे नियंत्रित करना भी सीख जाओगे।”

थोर ने अपनी बाहों को थामा, उसे बहुत पीड़ा हो रही थी। उसने देखा की उसका हाथ खून से भर गया था। उसका सिर चकरा रहा था, उसे चिंता थी कि यदि मदद ना मिली तो क्या होगा।

आर्गन तीन कदम आगे बढ़ा और थोर के करीब आकर उसके दुसरे हाथ को उसके चोट के ऊपर रख दिया। उसने उसका हाथ पकडे रखा, पीछे हट कर उसने अपनी आँखें मूँद ली।

थोर को अपनी बाजुओं में एक गर्म प्रवाह का आभास हुआ। और फिर पल भर के अन्दर ही उसके हाथ में लगा चिपचिपा खून सूख चुका था, उसे लग रहा था जैसे पीड़ा भी फीकी पड़ गई हो।

उसने अपने आप को देखा और कुछ भी समझ नहीं सका: वो पूरा ठीक हो गया था। वहां तो बस पंजों के तीन निशान रह गए थे – लेकिन वो भरे हुए और बहुत पुराने लग रहे थे। वहां अब और खून भी नहीं था।

थोर ने आर्गन की ओर चौंक कर देखा।

“आपने यह कैसे किया?” उसने पुछा।

आर्गन बस मुस्कुरा दिया।

“मैंने नहीं किया। तुमने किया। मैंने तो बस तुम्हारी शक्ति को दिशा दी है।”

“लेकिन मुझ में तो कोई ऐसी शक्ति नहीं जिसे चोट ठीक हो जाए,” थोर ने परेशान हो कर ने कहा।

“अच्छा तो तुम में नहीं है?” आर्गन ने जवाब दिया।

“मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा। इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है,” थोर ने बेहद बेसब्री से कहा। “कृपा कर के मुझे बताईए ना।”

आर्गन ने दूसरी और को मुँह कर लिया।

“कुछ बातें तुम्हें समय के साथ सीखनी चाहिए।”

“अच्छा! तो क्या इसका मतलब है कि मैं राजा की सेना में भर्ती हो सकता हूँ?” उसने उत्सुकता से पूछा। “क्यों नहीं, यदि मैं सीबोल्ड को मार सकता हूँ तो मैं अन्य सभी लड़कों के मुकाबले में अपने आप को साबित कर सकता हूँ।”

“बिलकुल तुम कर सकते हो,” उन्होंने जवाब दिया।

“लेकिन उन्होंने तो मेरे भाईयों को चुना है – उन्होंने मुझे नहीं चुना।”

“तुम्हारे भाई जंगली जानवर को मार नहीं सकते।”

थोर ने कुछ सोचते हुए पलट कर देखा।

“लेकिन उन्होंने तो मुझे पहले से ही अस्वीकृत कर दिया है। मैं अब उसमें कैसे शामिल हो सकता हूँ?”

“अच्छा, तो कब से वीरों को निमंत्रण भेजा जाता है?” आर्गन ने पुछा।

इन शब्दों का गहरा असर हुआ। थोर को लगा उसके शरीर में गर्मी आ गयी थी।

“तो क्या आपका कहना है की मैं बस यूं ही चला जाऊं? बिना निमंत्रण के?”

आर्गन मुस्कुरा दिए।

“तुम अपना भाग्य खुद लिखते हो। बाकी लोग नहीं।”

थोर ने अपनी पलकें झपकाई – और फिर एक क्षण बाद, आर्गन जा चुका था। फिर से।

थोर हर दिशा में देखते हुआ पलटा, लेकिन कहीं उनका नामो-निशान नहीं था।

“मैं यहाँ हूँ!” एक आवाज़ आई।

थोर ने पलट कर देखा और बस उसे एक बड़ा सा पत्थर ही दिखा। उसे लगा की आवाज ऊपर से आई है, और वो तेज़ी से पत्थर पर चढ़ने लगा।

ऊपर पहुँच कर वो ये देख कर चौंक गया की आर्गन वहां नहीं था।

इस जगह से उसे जंगल के पेड़ों के ऊपर तक दिखाई दे रहा था। जहां जंगल ख़त्म होता है, उसे वो दिखाई दिया, ढलता सूरज दिखाई दिया और उसके पीछे उसे वो मार्ग दिखाई दिया जो राजा के दरबार तक जाता था।

“यह मार्ग तुम्हारे लिए ही है” आवाज आई। “यदि हिम्मत है तो।”

थोर ने घूम कर देखा पर वहां कुछ नहीं था। वह तो बस एक आवाज़ थी जो गूँज रही थी। लेकिन वो जानता था कि आर्गन यहीं कहीं है, जो उसे आगे बढ़ने के लिए उकसा रहा था। और अब उसे लग रहा था कि वो बिलकुल सही था।

एक पल भी गंवाए बिना थोर बड़े से पत्थर से नीचे उतरा और जंगल से हो कर दूर को जाते मार्ग पर चल पड़ा।

वह अपने भाग्य की ओर छलांगें भर रहा था।




अध्याय तीन


राजा मैकगिल – बलवान, मजबूत छाती वाला, स्लेटी लंबे बालों के साथ घनी दाढ़ी, और कई लड़ाइयों के जख्मों से युक्त चौड़ा माथा - अपने महल की ऊपरी प्राचीर पर बगल में अपनी रानी के साथ खड़े हुए दिन के उत्सव को अनदेखा कर रहे थे। एक संपन्न शहर प्राचीन पत्थर दुर्गों में घिरी उसकी शाही जमीन जहाँ तक आँखें देख सकती, उसके नीचे उसकी महिमा में बिछी पड़ी थी। राजा का दरबार। हर आकार के पत्थर की इमारतें घुमावदार सड़कों की भूलभुलैया से बैठ परस्पर योद्धाओं, रखवाले, घोड़े, सिल्वर, सेना, रक्षकों, बैरकों, हथियारों, शस्त्रागार और भीड़ के लिए आवास जिनमें सैकड़ों लोगों ने शहर की दीवारों के भीतर रहने का फैसला किया है। इन सड़कों के बीच एकड़ में फैली घास, शाही उद्यान, पत्थर-बिछे प्लाजा, बहते हुए फव्वारे। राजा के दरबार का पहले उसके पिता, और उनके पिता द्वारा सदियों से सुधार किया गया था, और अब वह अपनी महिमा के शिखर पर अब बैठ गया था। बिना शक, यह अब रिंग के पश्चिमी राज्य के भीतर सबसे सुरक्षित गढ़ था।

मैकगिल को किसी भी ज्ञात राजा के मुकाबले बेहतरीन और सबसे वफादार योद्धाओं का सहयोग प्राप्त था, और उसके जीवनकाल में, किसी में भी हमला करने की हिम्मत नहीं थी। सिंहासन धारण करने वाला मैकगिल सातवाँ था, उसने अपने बत्तीस साल के शासन में इसे अच्छी तरह से आयोजित किया था, और वह एक अच्छा और बुद्धिमान राजा था। उनके शासनकाल में भूमि काफी समृद्ध थी। उन्होंने अपनी सेना का आकार दोगुना कर लिया था, अपने शहरों का विस्तार करके अपने लोगों के लिए इनाम लाया, उसके लोगों के बीच एक भी शिकायत नहीं देखी जा सकती थी। उन्हें उदार राजा के रूप में जाना जाता था, और उसके सिंहासन संभालने के बाद इनाम और शांति की ऐसी अवधि पहले वहां कभी नहीं थी।

विडंबना यह थी जिसने कि मैकगिल को रात में जगा रखा था। मैकगिल को उसका इतिहास पता था: सभी युगों में, युद्ध के बिना इस तरह का एक लंबा अरसा वहां पहले कभी नहीं गया था। उसे आश्चर्य नहीं था कि वहां कोई हमला होगा, लेकिन कब। और किससे।

सबसे बड़ा खतरा, बेशक, घाटी से परे रिंग के बाहर वहशियों से था, जो दूरस्थ बीहड़ों पर राज करते थे, जिसने रिंग से बाहर घाटी से आगे सभी लोगों को वशीभूत कर लिया था। मैकगिल के लिए, और उससे पहले सात पीढ़ियों के लिए, वनवासियों से सीधा खतरा कभी नहीं हुआ था। उसके राज्य के अद्वितीय भूगोल के कारण, एक पूर्ण वृत्त के आकार - एक अंगूठी - एक मील चौड़ी एक गहरी घाटी से दुनिया के बाकी हिस्सों से अलग, और मैकगिल प्रथम के साम्राज्य से सक्रिय एक ऊर्जा ढाल के द्वारा संरक्षित था, उन्हें बीहड़ों से नहीं के बराबर खतरा था। वहशियों ने घाटी को पार करके ढाल में घुसकर हमला करने की कई बार कोशिश की थी; वे एक बार भी सफल नहीं हुए थे। वह और उसके लोगों को रिंग के भीतर कोई खतरा नहीं था।

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं था कि अंदर से कोई खतरा नहीं था। और यही वह बात थी जिसने रात में भी मैकगिल को जगा रखा था। उसकी बड़ी बेटी की शादी: यही वास्तव में दिन के उत्सव का उद्देश्य था। शादी की विशेष रूप से रिंग के पूर्वी और पश्चिमी राज्यों के बीच नाजुक शांति बनाए रखने, अपने दुश्मनों को खुश करने के लिए व्यवस्था की गई थी।

जबकि रिंग प्रत्येक दिशा में पांच सौ मील की दूरी पर फैली थी, इसे एक पर्वत श्रृंखला द्वारा बीच से नीचे विभाजित किया गया था। हाइलैंड्स। हाइलैंड्स के दूसरे तरफ रिंग के दुसरे हिस्से में सत्तारूढ़, पूर्वी साम्राज्य स्थापित था। और उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा सदियों तक शासित यह साम्राज्य, मैकक्लाउड्स द्वारा हमेशा ही मैकगिल से अपने नाजुक संघर्ष विराम को चकनाचूर करने का प्रयास किया थी। मैकक्लाउड्स विद्रोही थे, जिन्होंने उनकी कम उपजाऊ जमीन के बारे में साम्राज्य को राजी कर लिया था। वे हाइलैंड्स में लड़े, और पूरी पर्वत श्रृंखला पर भी कब्जा करने का प्रयास किया जबकि कम से कम आधा मैकगिल का था। लगातार सीमा झड़प, और आक्रमण की लगातार धमकियां मिल रही थी।

मैकगिल ने जब यह सब सोचा तो वह नाराज था। मैकक्लाउड्स को खुश होना चाहिए; वे रिंग के अंदर सुरक्षित थे, घाटी से संरक्षित, वे चुनिन्दा भूमि पर थे, और डरने की कोई बात नहीं थी। क्यों वे रिंग के अपने आधे से ही संतोष नहीं कर सकते थे? इतिहास में पहली बार मैकक्लाउड्स को हमले की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि मैकगिल की सेना इतनी मजबूत हो गई थी। लेकिन चतुर राजा मैकगिल को क्षितिज पर कुछ महसूस हुआ; वह जानता था यह शांति ज्यादा समय के लिए नहीं थी। इस प्रकार, उसने मैकक्लाउड्स के ज्येष्ठ राजकुमार से अपनी बड़ी बेटी की इस शादी की व्यवस्था की थी। और अब दिन आ गया था।

जैसे ही उसने नीचे देखा, हाइलैंड्स के दोनों ओर से, राज्य के हर कोने से उसे नीचे चमकीले रंगीन वस्त्रों में तैयार हजारों सेवक फैले हुए दिखाई दिए। लगभग पूरा रिंग, उसके सभी दुर्गों में उमड़ पड़ा था। उसके लोगों ने महीनों से सब कुछ मजबूत, समृद्ध दिखाने के लिए तैयारी की थी। यह दिन सिर्फ एक शादी के लिए नहीं था; यह मैकक्लाउड्स के लिए एक संदेश भेजने का एक दिन था।

मैकगिल ने आवश्यकता से अधिक अपने सैकड़ों सैनिकों का सर्वेक्षण किया, दीवारों के साथ, गलियों में, प्राचीर के साथ रणनीतिक और अधिक सैनिकों को लाइन में खड़ा देख संतुष्ट महसूस किया। जैसा वह चाहता था वैसा ही ताकत का प्रदर्शन था। लेकिन उसे बढ़त महसूस हुई; माहौल उत्तेजक और एक झड़प के लिए परिपक्व था। उसने आशा व्यक्त की दोनों तरफ से कोई भी सिरफिरा पेय के नशे में न खड़ा हो।

उसने खेतों, खेल के मैदान को छान डाला, और दिन के बारे में सोचा, सभी प्रकार के खेल और द्वंद और उत्सव से भरा हुआ। वे तीव्र होंगे। मैकक्लाउड्स निश्चित रूप से अपने छोटी सेना, और हर द्वंद, हर कुश्ती, हर प्रतियोगिता के साथ दिखाई देंगे। अगर एक भी धराशायी हो गई, तो यह एक लड़ाई में बदल सकता है।

“मेरे राजा?”

उसने अपने पर एक नरम हाथ महसूस किया और उसकी रानी, क्रेया, उसे ज्ञात अब तक की सबसे खूबसूरत महिला को देखने के लिए मुड़ा। अपने पूरे शासनकाल में इस खुशहाल शादी से, उसके पांच बच्चे जिनमें से तीन लड़के थे, और एक बार भी शिकायत नहीं की थी। इसके अलावा, वह उसकी सबसे भरोसेमंद सलाहकार बन गयी थी। समय बीतने के साथ, उसे पता चला कि वह उसके सभी आदमियों में से अधिक सुयोग्य थी। दरअसल, उससे भी अधिक बुद्धिमान।

“यह एक राजनीतिक दिन है,” उसने कहा। “लेकिन यह हमारी बेटी की शादी भी है। खुश रहने का प्रयास करो। यह दूसरी बार नहीं होगा।”

“जब मैं कुछ भी नहीं था तब कम चिंतित था,” उसने जवाब दिया। “अब जब हमारे पास यह सब है, सबसे मुझे चिंता होती है। हम सुरक्षित हैं। लेकिन मैं सुरक्षित महसूस नहीं करता।”

उसने बड़ी दयालु आँखों के साथ उसे वापस देखा; ऐसा लगा जैसे उनमें दुनिया का ज्ञान सिमटा हुआ था। उसके चेहरे के दोनों किनारों पर गिरे भूरे रंग के सुंदर, सीधे भूरे रंग के बाल उसकी पलकें झुकीं हुई थोड़ी सी नींद में, जैसे वे हमेशा थीं। उसे कुछ झुर्रियाँ पड़ गई थीं, लेकिन वह जरा भी नहीं बदली थी।

“इसलिए कि आप सुरक्षित नहीं हैं,” उसने कहा। “कोई राजा सुरक्षित नहीं है। हमारे दरबार में इतने अधिक जासूस हैं जिसका पता करने के लिए आप कभी ही ध्यान देंगे। और यही चीजों का तरीका है।”

वह झुकी उसे चूमा, और मुस्कुरायी।

“इसका आनंद लो,” उसने कहा। “आखिरकार यह एक शादी है।”

उस के साथ, वह मुड़ी और प्राचीर से दूर चली गयी।

वह उसे जाते देखता रहा, फिर मुड़ा और दरबार में बाहर देखा। वह सही थी; वह हमेशा सही थी। वह इसका आनंद लेना चाहता था। वह अपनी बड़ी बेटी को प्यार करता था, और आखिरकार यह एक शादी थी। दो सूर्य आकाश में, हवा में थोड़ी सी उत्तेजना, गर्मियों की भोर के साथ, वर्ष अपनी ऊंचाई पर, वसंत के सबसे सुंदर समय का सबसे खूबसूरत दिन था। सब कुछ खिला हुआ, गुलाबी और बैंगनी और संतरी और सफेद पेड़ों से हर जगह अटा पड़ा था। वहां नीचे जाकर और अपने आदमियों के साथ बैठकर अपनी बेटी की शादी होते देख कर शराब की पिंट पीने से बेहतर और कुछ नहीं जब तक वह और अधिक नहीं पी सकता था।

लेकिन वह नहीं कर सका। इससे पहले कि वह अपने महल के बाहर कदम रखता, कर्तव्यों का एक लंबा अम्बार लगा था। आखिरकार, एक बेटी की शादी के दिन का मतलब राजा के लिए एक दायित्व था: उसे अपनी परिषद के साथ, अपने बच्चों के साथ, और लंबे समय से निवेदकों की एक पंक्ति के साथ बैठक करनी थी जिन्हें इस दिन राजा से मिलने का अधिकार था। वह भाग्यशाली होगा अगर वह सूर्यास्त समारोह के लिए समय पर अपना महल छोड़ देगा।

*

अपने बेहतरीन शाही पहनावे, मखमली काली पैंट, एक सोने की बेल्ट, बेहतरीन बैंगनी और सोने व रेशम से बने एक शाही पहनावे, एक सफेद विरासत, अपनी पिंडलियों के ऊपर तक चमकदार चमड़े के जूते में सजा मैकगिल, और सुनहरी पट्टी के बीच में एक बड़ी रूबी के साथ अलंकृत उसका मुकुट पहने हुए अनुचरों से घिरे महल के कक्ष में था। वह कमरे दर कमरे अपने शाही कक्षों के बीच में से आगे बढ़ते हुए छत और कांच की पंक्तियों के साथ, बड़े मेहराबदार कक्ष में रेलिंग से कदम नीचे उतारता रहा। अंत में, वह पेड़ के तने जैसे मोटे एक प्राचीन ओक के दरवाजा पर पहुंचा जिसे अनुचर ने एक तरफ होते हुए खोल दिया। सिंहासन कक्ष।

मैकगिल के प्रवेश करते ही दरवाजा उसके पीछे बंद हो गया, उसके सलाहकार सावधान खड़े थे।

“बैठ जाओ,” उसने सामान्य से अधिक तेजी से कहा। वह विशेष रूप से उस दिन राज्य में सत्तारूढ़ की अंतहीन औपचारिकताओं से थका हुआ था, और उनके साथ जल्दी समाप्त करना चाहता था।

वह सिंहासन कक्ष में लंबे कदम भरने लगा, जो उसे कभी प्रभावित नहीं करते थे। इसकी छत पचास फुट ऊँची थी, एक पूरी दीवार कांच से, फर्श और दीवारें एक फुट मोटे पत्थर से बनी थी। कमरे में सौ गणमान्य लोग आसानी से समा सकते थे। लेकिन आज के दिन की तरह जब उसकी परिषद बुलाई गई, इस कन्दरायुक्त जगह में यहाँ सिर्फ वह और उसके मुट्ठी भर सलाहकार थे। कक्ष में एक अर्धवृत्त विशाल आकार के एक मेज के पीछे उसके सलाहकार खड़े थे।

उसने विवर में से ठीक नीचे बीच में अपने सिंहासन को गर्व से देखा। वह पत्थर की सीढियाँ चढ़ते हुए सुनहरे शेर के पास से गुजरा, और पूरी तरह से सोने से जड़े अपने सिंहासन के अस्तर लाल मखमल तकिये में धंस गया। जैसे उसके पिता, और उसके पहले सभी मैकगिल इस सिंहासन पर बैठे थे। जब वह बैठ गया, मैकगिल ने अपने पूर्वजों की सभी पीढ़ियों का वजन महसूस किया।

उसने उपस्थित सलाहकारों का सर्वेक्षण किया। ब्रोम, उसका सबसे बड़ा जनरल और सैन्य मामलों पर सलाहकार वहां था; कोल्क, लड़कों की सेना का जनरल; अबेर्थोल, समूह में सबसे वृद्ध एक विद्वान और इतिहासकार, तीन पीढ़ियों से राजाओं का संरक्षक; दरबार के आंतरिक मामलों पर उसका सलाहकार, हल्के, भूरे बालों और उभरी हुई आँखों वाला पतला आदमी फर्थ, जो स्थिर नहीं रहता था। फर्थ एक ऐसा आदमी था जिस पर मैकगिल को कभी भरोसा नहीं था, और उसे कभी उसका पद समझ नहीं आया। लेकिन उसके पिता, और उसके पहले उनके, दरबारी मामलों के लिए एक सलाहकार रखा, और इसलिए उसे उनके सम्मान के लिए रखा था। ओवेन, उसका खजांची वहां था; ब्रादैघ, विदेशी मामलों पर उनका सलाहकार; एयर्नन, उसका कर जमा करनेवाला; डूवायने, जनता के मामलों पर उसका सलाहकार; और केल्विन, रईसों का प्रतिनिधि।

बेशक, राजा को पूर्ण अधिकार था। लेकिन उसका साम्राज्य उदारवादी था, और उसके पूर्वजों ने सभी मामलों में हमेशा रईसों को उनकी बात उनके प्रतिनिधि के माध्यम से कहने का गौरव लिया था। ऐतिहासिक रूप से यह शासकों और रईसों के बीच एक असहज शक्ति संतुलन था। अब वहां सद्भाव था, लेकिन अन्यथा समय के दौरान रईसों और राजशाही के बीच बगावत और सत्ता संघर्ष वहाँ किया गया था। यह एक अच्छा संतुलन था।

जब मैकगिल ने कमरे का सर्वेक्षण किया तो एक व्यक्ति को लापता पाया: वह आदमी जिससे वह सबसे अधिक बात करना चाहता था - आर्गन। कब और कहाँ, हमेशा की तरह वह अप्रत्याशित दिखता था। इसने मैकगिल को बुरी तरह से व्यथित किया, लेकिन इसे स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं था। द्रुइड के तरीके उसके लिए गूढ़ थे। उसकी उपस्थिति के बिना, मैकगिल ने अधिक उतावलापन महसूस किया। वह इससे पार पाना चाहता था, हजार दूसरी बातों की तरफ जाना चाहता था जो शादी से पहले उसका इंतजार कर रही थी।

अर्धवृत मेज के चारों ओर उसका सामना करके दस फीट दूर अलंकृत नक्काशीदार लकड़ी के हत्थों के साथ प्राचीन ओक की एक कुर्सी पर सलाहकारों का समूह बैठा था।

“मेरे प्रभु, मैं शुरू कर सकता हूँ,” ओवेन बोला।

“आप कर सकते हैं। और इसे छोटा रखना। आज मेरे पास कुछ कम समय है।”

“हम सभी को उम्मीद है कि आज आपकी बेटी को कई बेशकीमती उपहार प्राप्त होंगे, उसका खजाना भर जाएगा। हजारों लोग दर्शन करते हुए व्यक्तिगत रूप से आप को उपहार पेश करते हुए, और हमारे वेश्यालयों और शराबखानों को भर रहे हैं, हमारे खजाने को भरने में भी मदद मिलेगी। और फिर भी आज के उत्सव के लिए तैयारी पर भी शाही खजाने का एक अच्छा हिस्सा व्यय होगा। मैं लोगों पर और रईसों पर कर वृद्धि की सलाह देता हूँ। एकमुश्त कर, इस बड़े आयोजन के दबाव को कम करने के लिए।”

मैकगिल ने अपने कोषाध्यक्ष के चेहरे पर चिंता देखी, और उसका पेट खजाने में कमी की सोच से डूब गया। फिर भी वह फिर से करों नहीं बढ़ाएगा।

“दुर्बल खजाना और वफादार प्रजा बेहतर है,” मैकगिल ने उत्तर दिया। “हमारा धन हमारी प्रजा की खुशी में आता है। हम अधिक कर लागू नहीं करेंगे।”

“लेकिन मेरे प्रभु, अगर हम नहीं करते हैं...”

“मैंने फैसला किया है। और क्या?”

ओवेन वापस पीछे धंस गया।

“मेरे राजा,” ब्रोम ने अपनी गहरी आवाज में कहा। “आपके आदेश पर, हमने आज के आयोजन के लिए दरबार में हमारे बलों को थोक में तैनात किया गया है। शक्ति प्रदर्शन प्रभावशाली होगा। लेकिन हम ज्यादा फैल गये हैं। राज्य में कहीं एक हमले हो गया, तो हम कमजोर पड़ जाएँगे।”

मैकगिल ने यह सोचते हुए, सिर हिलाया।

“हमारा दुश्मन हम पर हमला नहीं करेगा, जबकि हम उन्हें खिला रहे हैं।”

लोग हँसे।

“और हाइलैंड्स से क्या खबर है?”

“सप्ताह भर से कोई गतिविधि सूचित नहीं हुई है। लगता है उनके सैनिकों को शादी की तैयारी करने में वापिस बुलाया गया है। शायद वे शांति बनाने के लिए तैयार हैं।”

मैकगिल को पूरा यकीन नहीं था।

“या तो इसका मतलब है कि व्यवस्थित शादी ने काम किया है, या वे किसी और समय में हम पर आक्रमण करने के लिए प्रतीक्षा करेंगे। और आपको क्या लगता है?” मैकगिल ने मुड़ते हुए अबेर्थोल से पूछा।

उसने अपना गला साफ किया, रुंधी हुई आवाज में अबेर्थोल बोला: “महाराज, आपके पिता और उनके पिता ने उससे पहले मैकक्लाउड्स पर कभी भरोसा नहीं किया। सिर्फ इसलिए कि वे सोये पड़े हैं, इसका मतलब नहीं है कि वे जागेंगे नहीं।”

मैकगिल ने भावना की प्रशंसा में सिर हिलाया।

“और सेना का क्या?” उसने कोल्क को मुड़ते हुए पूछा।

“आज हमने नए रंगरूटों का स्वागत किया,” कोल्क ने एक त्वरित मंजूरी के साथ उत्तर दिया।

“उनके बीच मेरा बेटा भी है?” मैकगिल ने पूछा।

“वह उन सब के बीच गर्व से खड़ा है, और वह एक बेहतरीन लड़का है।”

मैकगिल ने फिर सिर हिलाया, फिर ब्रादैघ की तरफ मुड़ा।

“घाटी के बाहर से और क्या खबर है?”

“मेरे प्रभु, हमारे गश्ती दलों ने हाल के हफ्तों में घाटी को पाटने का अधिक प्रयास देखा है। यह बीहड़ों से एक हमले की तैयारी का संकेत हो सकता है।”

पुरुषों के बीच एक गुपचुप कानाफूसी फ़ैल गई। इस विचार से मैकगिल का पेट कसने लगा। ऊर्जा ढाल अजेय थी; फिर भी यह शुभ लक्षण नहीं थे।

“और क्या होगा, अगर पूर्ण पैमाने पर हमला हो जाए?” उन्होंने पूछा।

“जब तक ढाल सक्रिय है, हमें डरने की कोई बात नहीं है। बीहड़ वासियों को सदियों से घाटी को तोड़ने में सफलता नहीं मिली है। तो वहाँ अन्यथा सोचने का कोई कारण नहीं है।”

मैकगिल इतना निश्चिंत नहीं था। बाहर से एक हमला लंबे समय से अपेक्षित था, और वह मदद नहीं कर सका, लेकिन चिंतित था कि यह कब हो सकता था।

“महाराज,” फर्थ ने नाक से आवाज निकालते हुए ने कहा, मैं आज यह जोड़ने में आभारी महसूस कर रहा हूँ कि हमारा दरबार मैकक्लाउड साम्राज्य के कई गणमान्य लोगों से भरा है। विरोधी हों या नहीं, आपके द्वारा उनका स्वागत नहीं करना एक अपमान माना जाएगा। मैं आपको दोपहर के समय उनमें से सभी लोगों का स्वागत करने की सलाह दूंगा। वे अपने साथ कई उपहार, मतलब कई जासूस लाये हैं।”

“कौन कह सकता है कि जासूस यहां पहले से ही नहीं हैं?” हमेशा की तरह फर्थ को ध्यान से देखते हुए मैकगिल ने वापस पूछा, यह सोचते हुए कि वह खुद भी एक हो सकता था।

फर्थ ने जवाब देने के लिए अपना मुंह खोला, लेकिन मैकगिल ने आह भरी और हथेली उपर उठा दी, इतना पर्याप्त था। “अगर इतना ही है, तो मैं अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए, अब चला जाऊंगा।”

“महाराज,” केल्विन ने गला साफ करते हुए ने कहा, “हां, एक और बात है। परंपरा, अपने ज्येष्ठ की शादी के दिन हर मैकगिल ने एक उत्तराधिकारी नामित किया है। लोग आपसे भी ऐसा ही करने की उम्मीद करेंगे। वे उत्साह से भरे हुए हैं। उनकी उम्मीदों पर पानी फेरना उचित नहीं होगा। विशेष रूप से जब दिव्य तलवार अभी भी स्थिर है।”

“जबकि मैं अभी भी प्रमुख हूँ, आप मुझसे एक वारिस का नाम सुनना चाहेंगे?” मैकगिल ने पूछा।

“महाराज, मेरा मतलब कोई अपराध करना नहीं है,” हडबडाहट में केल्विन चिंतित दिखा।

मैकगिल ने एक हाथ पकड़ा। “मैं परंपरा जानता हूँ। और वास्तव में, मैं आज ही एक नाम दूंगा।”

“आप हमें सूचित करना चाहेंगे कौन?” फर्थ ने पूछा।

मैकगिल ने उससे चिढ़ते हुए घूरकर देखा। फर्थ एक गपबाज था, और उसे इस आदमी पर भरोसा नहीं था।

“सही समय पर आपको खबर पता लग जाएगी।”

मैकगिल खड़ा हुआ, और दूसरे भी उठ गये। वे झुके, मुड़े, और कमरे से जल्दबाजी में चल दिए।

मैकगिल सोच में वहाँ खड़ा रहा, कितनी देर तक वह नहीं जानता था। इस तरह के दिनों में वह कामना करता कि वह राजा नहीं होता।

*

मैकगिल अपने सिंहासन से उतरा, चुप्पी में जूते गूंज रहे थे, और वह कमरे को पार कर गया। उसने प्राचीन ओक दरवाजा खुद खोला, लोहे के हत्थे को धकेलते हुए किनारे के कमरे में प्रवेश किया।

उसने हमेशा की तरह इस आरामदायक कमरे की शांति और एकांत का आनंद लिया, जिसकी दीवारें दोनों दिशा में शायद ही बीस कदम दूर थी। कमरा एक दीवार पर एक छोटे, गोल धुंधले कांच की खिड़की के साथ, पूरी तरह से पत्थर का बना था। इसके पीले और लाल कांच में से फेंकी गई रौशनी अन्यथा खाली कमरे में प्रकाशित अकेली वस्तु थी।

दिव्य तलवार।

यह वहाँ कमरे के केंद्र में एक प्रलोभिका की तरह, लोहे के कांटो पर क्षैतिज पड़ी हुई थी। मैकगिल ने हमेशा की तरह इसके करीब गया, इसकी परिक्रमा की, इसका निरीक्षण किया। दिव्य तलवार। पौराणिक तलवार, पीढ़ी दर पीढ़ी उसके पूरे राज्य की शक्ति का स्रोत। जिस किसी में उसे फहराने के लिए ताकत थी वह चुना जाएगा, जो जीवन भर साम्राज्य पर राज करेगा, रिंग में और उसके बाहर सभी खतरों से राज्य को मुक्त रखेगा। इसके साथ विकसित होना एक सुंदर कथा के समान था, और जैसे ही उसका राज्याभिषेक किया गया, मैकगिल ने इसे खुद फहराने का प्रयास किया थी, केवल मैकगिल राजाओं को प्रयास करने की अनुमति दी गई थी। उससे पहले सभी राजा विफल रहे थे। उसे यकीन था कि वह अलग होगा। उसे पूरा यकीन था कि वह विशेष होगा।

लेकिन वह गलत था। जैसे उससे पहले अन्य सभी मैकगिल राजा थे। और उसकी विफलता के बाद से उसका शासन दागदार बन गया था।

जैसे ही उसने शुरुआत की, उसने रहस्यमय धातु के बने इसके लंबे ब्लेड की जांच की, जिसे कोई भी कभी भी पता नहीं कर पाया था। तलवार की उत्पत्ति उससे भी अधिक अस्पष्ट थी, इसके एक भूकंप के बीच पृथ्वी में से निकलने की अफवाह थी।

इसकी जांच करते हुए, एक बार फिर उसने असफलता की पीड़ा महसूस की। वह एक अच्छा राजा हो सकता है, लेकिन वह विशेष नहीं था। उसके लोगों को पता था। उसके दुश्मनों को यह पता था। वह एक अच्छा राजा हो सकता है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने क्या किया, वह विशेष कभी नहीं होगा।

अगर वह होता, उसे संदेह था कि वहां उसके दरबार में कम अशांति, कम साजिश होगी। उसके अपने ही लोग उस पर और अधिक विश्वास करते और उसके दुश्मन भी हमले पर विचार नहीं करते। उसके एक हिस्से ने तलवार के गायब हो जाने और इसके साथ कथा के भी समाप्त हो जाने की कामना की। लेकिन उसे पता था यह नहीं होगा। यह उस कथा की शक्ति और अभिशाप था। यहाँ तक कि एक सेना से भी मजबूत।

जैसा कि उसने इसे हज़ारों बार देखा, मैकगिल मदद नहीं कर सका लेकिन सोचा कि यह कौन होगा। उसके खानदान में इसे फहराना किसकी किस्मत में होगा? एक वारिस के राजतिलक के अपने काम को उसने अपने ध्यान में सामने रख कर इसके बारे में सोचा, क्या इसे फहराना किसी की किस्मत में होगा।

“ब्लेड का वजन भारी है,” एक आवाज आई।

मैकगिल छोटे से कमरे में किसी का साथ पाकर हैरान हो गया।

वहाँ द्वार पर आर्गन खड़ा था। मैकगिल ने उसे देखने से पहले ही आवाज पहचान ली और अब उसे यहाँ पाने की खुशी और पहले नहीं होने की चिढ़ को प्रदर्शित नहीं करना चाहता था।

“तुमने देर कर दी,” मैकगिल ने कहा।

“समय की आपकी भावना मेरे लिए समझ से परे है,” आर्गन ने उत्तर दिया।

मैकगिल वापस तलवार की तरफ मुड़ा।

“क्या तुम्हें लगता है मैं कभी इसे फहराने में सक्षम हो पाउँगा?” उसने पूछा। “उस दिन जब मैं राजा बना?”

“नहीं,” आर्गन ने साफ जवाब दिया।

मैकगिल घुमा और उसे घूर कर देखा।

“तुम्हें पता था मैं ऐसा करने में सक्षम नहीं हूँगा। तुमने इसे देखा, नहीं देखा क्या?”

“हाँ।”

मैकगिल ने यह सोचा।

“आपके सीधे जवाब ने यह मुझे डरा दिया। यही कारण है कि आप के विपरीत है।”

आर्गन चुप रहा, और अंत में मैकगिल को एहसास हुआ कि वह कुछ भी अधिक नहीं कहेगा।

“मैं आज अपने उत्तराधिकारी का नाम दूंगा,” मैकगिल ने कहा। “यहाँ इस दिन एक वारिस का नाम देना व्यर्थ लगता है। यह अपने बच्चे की शादी से एक राजा की खुशी छीन लेता है।”

“हो सकता है इस तरह का आनन्द स्वभाव के लिए होता है।”

“लेकिन अभी मेरे शासन करने के लिए बहुत समय बाकी हैं,” मैकगिल ने जिरह की।

“जितने आपको लगता है शायद उतने नहीं,” आर्गन बोला।

मैकगिल ने चकित होते हुए आँखों संकुचित की। यह एक संदेश था?

लेकिन आर्गन ज्यादा कुछ नहीं बोला।

“छह बच्चों में से किसे चुनना चाहिए?” मैकगिल ने पूछा।

“मुझे क्यों पूछ रहे हो?” आपने पहले से ही चुन लिया है।

मैकगिल ने उसे देखा। “आप ज्यादा देखते हैं। हाँ, मैंने किया। लेकिन मैं अभी भी जानना चाहता हूँ कि आप क्या सोचते हैं।”

“मुझे लगता है आपने बुद्धिमानी से चुना है,” आर्गन ने कहा। “लेकिन याद रखें: एक राजा कब्र से राज नहीं कर सकता है। भले ही आपने जिसे भी चुना हो, भाग्य का खुद के लिए चुनने का एक तरीका है।”

“मैं जीवित रहूँगा, आर्गन?” मैकगिल ने ज़ोर देकर पूछा, जिसे वह पिछली रात के एक भयावह दुःस्वप्न के बाद से ही जानना चाहता था।

“मैंने कल रात एक कौवे का सपना देखा,” उसने आगे ने कहा। “वह आया और मेरा मुकुट चुरा लिया। फिर एक और मुझे दूर ले गया। जब वह ले जा रहा था, मैंने अपना राज्य अपने नीचे फैला देखा। जैसे ही मैं गया यह काला हो गया। बंजर। एक बंजर भूमि।”

उसने आंसुओं से भरी अपनी आँखों से आर्गन को देखा।

“यह एक सपना ही था या कुछ और?”

“सपने, हमेशा कुछ अधिक होते हैं क्या वे नहीं होते?” आर्गन ने पूछा।

मैकगिल डूबने के अहसास से भरता जा रहा था।

“खतरा कहाँ है?” मुझे बस इतना बताओ।

आर्गन ने करीब कदम रखा और इतनी तीव्रता के साथ उसकी आंखों में देखा, मैकगिल को लगा जैसे वह एक दायरे में ही घूर रहा था।

आर्गन आगे झुकते हुए फुसफुसाया:

“जितना आपको लगता है हमेशा उससे करीब।”




अध्याय चार


थोर ने खुद को एक गाड़ी के पीछे भूसे में छिपा दिया जैसे ही यह ग्रामीण सड़कों पर हिचकोले खाती जा रही थी। उसने रात से पहले ही सड़क पर पहुँच चुका था और एक पर्याप्त बड़ी गाड़ी के लिए देख रहा था जिसमें चुपके से चढ़ने तक उसने धैर्य से इंतजार किया था। तब तक अंधेरा था, और गाड़ी बस इतने धीरे चल रही थी कि उसे गति हासिल करने और पीछे से कूद कर चढने के लिए पर्याप्त थी। वह घास में गिरा था और अंदर खुद को दबा दिया था। सौभाग्य से, चालक ने उसे नहीं देखा था। गाड़ी राजा के दरबार में जा रहा थी या नहीं थोर को कुछ पता नहीं था, लेकिन यह उस दिशा में जा रही थी, और इस आकार की गाड़ी, और इन चिह्नों के साथ, किसी दुसरे स्थानों पर जा रही हो सकती है।

थोर रात भर सवारी करते हुए घंटों जागता रहा और सीबोल्ड के साथ उसकी मुठभेड़, आर्गन, अपने भाग्य, अपनी माँ के बारे में सोचता रहा। उसे लगा कि ब्रह्मांड ने उसे उत्तर दिया था, उसे बताया था कि उसका भाग्य कुछ और था। वह वहीँ लेटा रहा, हाथ अपने सिर के पीछे रखे हुए, और फटे हुए तिरपाल में से, अन्तरिक्ष को ऊपर देखता रहा। उसने उज्ज्वल ब्रह्मांड, इसके चमकीले लाल सितारों को देर तक देखा। वह ख़ुश था। अपने जीवन में पहली बार वह एक यात्रा पर था। उसे नहीं पता कहाँ, लेकिन वह जा रहा था। एक तरीके या दुसरे से वह राजा के दरबार में अपना रास्ता बना लेगा।

थोर ने जब अपनी आँखें खोली सुबह हो चुकी थी, रौशनी अंदर आ रही थी, और उसे एहसास हुआ कि वह बह जाएगा। वह चारों तरफ देखता हुआ, सोने के लिए खुद को झिड़कते हुए जल्दी से बैठ गया। उसे और अधिक सतर्क होना चाहिए था वह भाग्यशाली था कि उसका पता नहीं चल पाया था।

गाड़ी अभी भी चल रही थी, लेकिन इतना ज्यादा झटके नहीं लग रहे थे। इसका केवल एक ही मतलब हो सकता है: एक बेहतर सड़क। उन्हें एक शहर के करीब होना चाहिए। सडक कितनी चिकनी, पत्थरों, गड्ढों से मुक्त थी थोर ने नीचे देखा। उसका दिल तेजी से धडकने लगा; वे राजा के निकट दरबार आ रहे थे।

थोर ने गाड़ी के पीछे से बाहर देखा और अभिभूत था। बेदाग सड़कें गतिविधि से भरी हुई थी। सभी आकृति और आकार की दर्जनों गाड़ियां सडक पर सभी तरह की चीजों को ले जाने रही थी। एक फर से लदी थी; दूसरी गलीचे से; अभी भी एक और मुर्गियों के साथ। उनमें सैंकड़ों व्यापारी थे, कुछ जानवरों के आगे, कुछ अपने सिर पर सामान की टोकरी लिए थे। चार आदमी रेशम का एक बंडल डंडे पर संतुलन बनाये हुए ले जा रहे थे। यह लोगों की एक सेना थी सभी एक ही दिशा में बढ़ रहे थे।

थोर ने रोमांच महसूस किया। उसने एक बार में एक साथ इतना कुछ होते, इतने सारे लोग, इतना सारा सामान कभी नहीं देखा था। अपने पूरे जीवन में वह एक छोटे से गाँव में रहा था, और अब वह मानवता से भरे एक केंद्र में था।

उसे जोर से जंजीरों की आवाज का एक शोर सुनाई दिया, लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा पटकने का, इतना तेज कि उसने जमीन को हिलाकर रख दिया। क्षणों बाद एक अलग ध्वनि आई, लकड़ी पर घोड़े के खुरों की। उसने नीचे देखा और एहसास हुआ कि वे एक पुल पार कर रहे थे; उनके नीचे एक खाई थी। एक चलसेतु।

थोर ने अपना सिर बाहर अटकाया और नुकीले लोहे के फाटक के ऊपर, विशाल पत्थर के खम्भों को देखा। वे राजा के फाटक में से गुजर रहे थे।

यह उसके द्वारा कभी भी देखा गया सबसे बड़ा फाटक था। उसने उपर छड़ों को देखा, आश्चर्य करते हुए कि अगर वे नीचे गिरी, तो वे उसके टुकड़े कर देगी। उसे राजा के प्रवेशद्वार की रखवाली करते चार सिल्वर दिखे, और उसकी धडकनें और तेज हो गई।

वे एक लंबे पत्थर सुरंग में से गुजरे, फिर क्षणों बाद आसमान फिर से निकल आया। वे राजा के दरबार के अंदर थे।

थोर शायद ही विश्वास कर सकता था। असल में यहां अधिक गतिविधि चल रही थी – प्रतीत होता था हर दिशा में से हजारों लोगों को गुजर रहे थे। वहां हर जगह खिले फूल, पूरी तरह से कटे घास के विशाल हिस्से थे। चौड़ी सड़क, और इसके साथ यह दुकानें, व्यापारी, और पत्थर की इमारतें थी। और इन सबके बीच राजा के आदमी। सैनिक, कवच में सुसज्जित। थोर पहुँच चुका था।

अपने उत्साह में, वह अनजाने में खड़ा हुआ; जैसे ही हुआ, गाड़ी थोड़ा रुकी, और वह भूसे में पीछे लुढकता हुआ पहुँच गया। इससे पहले कि वह उठता, वहाँ लकड़ी उतारने की आवाज आई, और उसने चिथडे पहने गुस्से में भौहें सिकोड़े हुए एक बूढ़े गंजे आदमी को देखने के लिए ऊपर देखा। गाड़ी चालक पहुंचा, उसने हाथों से थोर की एड़ियों को जोर से पकड़ कर उसे बाहर खींच लिया।

थोर उड़ता हुआ अपनी पीठ के बल मिट्टी भरी सड़क पर पीठ के बल जा गिरा। उसके आसपास हँसी का फव्वारा छूट गया।

“लड़के अगली बार तुमने तुम मेरी गाड़ी में सवारी तो, तुम्हें बेड़ियों में जकड़ा जाएगा! तुम भाग्यशाली रहे कि मैंने सिल्वर को नहीं बुलाया!”

बुढा आदमी मुड़ा और फिर अपनी गाड़ी पर जाकर तेजी से अपने घोड़ों को चाबुक लगाने लगा।

शर्मिंदा, थोर ने धीरे-धीरे उसके होश संभाला और अपने पैरों पर खड़ा हो गया। उसने चारों ओर देखा। एक या दो राहगीरों ने चुहलबाजी की, और उनके दूर जाने तक थोर ने अनदेखी की। उसने अपनी बाहों को रगड़ा और धूल को झाड दिया; उसका गौरव जख्मी हुआ, लेकिन शरीर नहीं।

उसकी चेतना वापस आई जैसे ही उसने चारों ओर देखा और एहसास हुआ कि उसे खुश होना चाहिए, अब कम से कम वह यहाँ तक तो आ चुका था। अब जब वह गाड़ी से बाहर था वह स्वतंत्र रूप से चारों ओर देख सकता था, और यह एक असाधारण दृश्य था: दरबार वहां तक फैला हुआ था जहाँ तक आँखे देख सकती थी। इसके केंद्र में, ऊंचे गढ़ों से घिरा एक शानदार पत्थरों का महल जिसकी दीवारों के ऊपर, हर जगह, राजा की सेना गश्त कर रही थी। उसके चारों ओर पूरी तरह से सजा कर रखे पेड़, फव्वारे, हरे खेत थे। यह एक शहर था। और यह लोगों से भर गया था।

भीड़ में हर जगह सभी तरह के लोग, व्यापारी, सैनिक, गणमान्य शामिल थे और बहुत जल्दबाजी में थे। यहाँ कुछ खास हो रहा था, थोर को समझने में कई मिनट लग गए। जैसे ही वह आगे टहलते हुए निकला, उसने तैयारियों को देखा, कुर्सियों को रखा जा रहा था, और एक वेदी को खड़ा किया जा रहा था। ऐसा प्रतीत होता था वे एक शादी के लिए तैयारी कर रहे थे।

उसका दिल कुछ धडकन भूल गया जब कुछ दुरी पर उसने विभाजक रस्सी के साथ एक गंदा लंबा रास्ता देखा। एक और क्षेत्र में, उसने दूर ठिकानों पर भाले फैंकते सैनिकों को देखा; एक अन्य पर, तीरंदाजों को पुआल पर निशाना लगाते हुए। मानो ऐसा लग रहा था हर जगह खेल, प्रतियोगिता चल रही थी। वहां संगीत भी था: घूमते हुए संगीतकारों के तम्बूरे और बांसुरी और झांझ; और शराब, विशाल पीपों को बाहर लुढ़काया जा रहा था; और जहाँ तक आँखें देख सकती भोजन, मेज, दावतें तैयार किये जा रहे थे। यह ऐसा था जैसे वह एक विशाल उत्सव के बीच में आ गया था।

यह सब जितना चमकदार था, थोर को सेना को खोजने की एक जरूरत महसूस हुई। उसे देर हो चुकी थी, और उसे खुद को परिचित करने की जरूरत थी।

वह जल्दी से पहले दिखे व्यक्ति के पास गया जो उसके खून से सने फ्रॉक से एक बुढा कसाई प्रतीत होता था, सड़क के नीचे जल्दबाजी से जाते दिखा। यहाँ हर कोई बहुत जल्दी में था।

“माफ कीजिए, श्रीमान,” थोर ने उसका हाथ पकड़ते हुए ने कहा।

आदमी ने उपेक्षाजनक तरीके से थोर के हाथ पर नीचे देखा।

“लड़के! क्या है?”

“मैं राजा की सेना के लिए देख रहा हूँ। आप जानते हैं उन्हें कहाँ प्रशिक्षित करते हैं?”

“क्या मैं एक नक्शा दिखता हूँ?” आदमी बडबडाया, और आगे बढ़ गया।

थोर उसकी अशिष्टता से दंग रह गया।

वह जल्दबाजी में अगले व्यक्ति के पास गया, एक लंबी मेज पर एक महिला आटा गूँथ रही थी। उस मेज पर वहाँ कई महिलायें कड़ी मेहनत कर रही थी, और थोर ने उनमें से किसी को पूछने के लिए पता लगाया।

“देवीजी! मुझे माफ करें,” उसने कहा। “आप जानती हैं राजा की सेना का प्रशिक्षण कहाँ हो सकता है?”

उन्होंने एक दूसरे को देखा और खिल्ली उड़ाई, उनमें से कुछ उससे कुछ साल बड़ी थी।

सबसे बड़ी मुड़ी और उसे देखा।

“तुम गलत जगह देख रहे हो,” वह बोली। “यहाँ हम उत्सव के लिए तैयारी कर रहे हैं।”

“लेकिन मुझे ने कहा गया था कि उन्हें राजा के दरबार में प्रशिक्षित किया जाता है,” थोर ने उलझन में कहा।

महिलाओं ने एक और व्यंग्य छेड़ दिया। सबसे बड़ी ने अपने कूल्हों पर अपना हाथ डाल दिया और सिर को हिला दिया।

“तुम तो ऐसे दर्शा रहे हो जैसे आप राजा के इस दरबार में पहली बार आये हैं। तुम्हें इसका अंदाजा है कि यह कितना बड़ा है?”

जैसे ही दूसरी महिलाएं हँसी, थोर लाल हो गया, फिर अंत में वहां से चला गया। उसे अपना मजाक बनाया जाना पसंद नहीं आया।

उसे सामने एक दर्जन सड़कों को घुमते हुए और राजा के दरबार में से जाते देखा। पत्थर की दीवारों में बाहर कम से कम एक दर्जन प्रवेश द्वार थे। इस जगह का आकार और गुंजाइश व्यापक थी। उसे एक डूबता हुआ अहसास हुआ कि वह कई दिनों तक खोजने पर भी इसे नहीं पा सकता था।

उसे एक विचार आया: निश्चित रूप से एक सैनिक को पता होगा कि दूसरों को कहाँ प्रशिक्षित किया जाता है। वह राजा के एक असली सैनिक तक पहुंचने से घबरा गया था, लेकिन एहसास हुआ कि उसे करना होगा।

वह दीवार के निकटतम द्वार पर खड़े सैनिक की तरफ मुड़ा, इस उम्मीद के साथ कि वह उसे बाहर नहीं फेंकेगा। सैनिक सीधा खड़ा था और आगे देख रहा था।

“मैं राजा की सेना खोज रहा हूँ,” थोर ने अपनी सबसे निडर आवाज में कहा।

सिपाही ने उसे अनदेखा कर सीधे आगे देखना जारी रखा।

“मैंने पूछा मैं राजा की सेना को खोज रहा हूँ!” थोर ने दृढ निश्चय से ऊँची आवाज में जोर दिया।

कई सेकंड के बाद, सैनिक ने परिहास भरी नजर से नीचे देखा।

“वह जगह कहाँ है, आप मुझे बता सकते हैं?” थोर बोला।

“और आपको उनसे क्या काम है?”

“काम बहुत महत्वपूर्ण है,” थोर ने इस उम्मीद से आग्रह किया कि सैनिक उस पर दबाव नहीं डालेगा।

सैनिक ने फिर उसे अनदेखा किया, और सीधे आगे देखने लगा। थोर का दिल इस डर से डूबने लगा, कि उसे जवाब प्राप्त नहीं होगा।

लेकिन एक अनंत काल की तरह महसूस करने के बाद सिपाही ने कहा: “पूर्वी फाटक लो, फिर जहाँ तक आप जा सकते हो उत्तर दिशा में जाओ। बाएँ से तीसरा फाटक लो, फिर दाएं मुड़ो, और फिर से दाएं मुड़ो। दूसरे पत्थर की मेहराब से गुजरो और उनका मैदान फाटक से परे है। लेकिन मैं बता देता हूँ, तुम अपना समय बर्बाद करोगे। वे दर्शकों का स्वागत नहीं करते।”

थोर को बस यही सुनने की जरूरत थी। दूसरी धडकन गंवाए बिना निर्देशों को मन में दोहराते और उनका पालन करते हुए मुड़ गया और क्षेत्र में दौड़ पड़ा। उसने ऊँचे आकाश में सूर्य को देखा, और केवल यह प्रार्थना की कि जब वह पहुंचे, बहुत देर नहीं हो।

*

थोर राजा के दरबार में से अपने रास्ते की तरफ मुड़ते, बेदाग पथ पर आगे चलता गया। निर्देशों का पालन करते हुए उसने अपनी पूरी कोशिश के साथ उसने उम्मीद की कि वह कहीं भटक न जाए। आंगन के दूर छोर पर, उसने सभी फाटकों को देखा, और बाईं तरफ से तीसरा चुन लिया। वह इसके साथ आगे चलता गया और फिर विभाजित रास्ते को चुना, रास्ते के बाद रास्ते मुड़ता हुआ। वह यातायात के विपरीत जा रहा था, हजारों लोग शहर में उमड़ रही थी और भीड़ मिनटो में बढ़ती जा रही थी। वह वीणा वादकों, बाजीगरों, मसखरों, और सजेधजे कपड़े पहने मनोरंजन करने वाले सभी प्रकार के लोगों के साथ कंधे टकराता हुआ जा रहा था।

थोर उसके बिना चयन की शुरुआत का विचार सोच नहीं सकता था, और वह प्रशिक्षण मैदान के किसी भी संकेत के लिए ध्यान केंद्रित रखते हुए रास्ते के बाद रास्ते मुड़ता जा रहा था। वह एक मेहराब में से गुजरा और फिर, दूर जो केवल उसका गंतव्य हो सकता था उसे देखा: एक छोटा कोलिज़ीयम, एक पूर्ण गोलाकार में पत्थर से निर्मित। इसके केंद्र में विशाल गेट पर सैनिकों का पहरा था। थोर ने इसकी दीवारों के पीछे से एक मौन जयकारा सुना और उसका दिल तेजी से धडकने लगा। यह वह जगह थी।

वह इतनी तेजी से दौड़ा मानो कि फेफड़ों फटने लगे हों। जैसे ही वह गेट पर पहुंचा, दो रक्षक ने आगे कदम रखा और भालों से रास्ता रोक दिया। तीसरे रक्षक ने आगे कदम रखा और हाथ पकड़ लिया।

“वहाँ रुको,” उसने आदेश दिया।

थोर ने मुश्किल से सांस के लिए हांफते हुए, अपने उत्साह को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

“तुम्हें समझ में नहीं आता...” शब्द साँस के बीच-बीच में बाहर निकालते हुए बोला, “मुझे अंदर रहना होगा। मुझे देर हो गई।”

“देर किस लिए?”

“चयन के लिए।”

रक्षक, धब्बेदार त्वचा के साथ एक छोटा, भारी आदमी मुड़ गया और दूसरों को देखा, जिन्होंने रूखेपन से वापस देखा। वह मुड़ा और एक उपेक्षा के साथ थोर का सर्वेक्षण किया।

“रंगरूटों को शाही गाड़ी में घंटों पहले ले जाया गया था। अगर आपको आमंत्रित नहीं किया गया, तो आप प्रवेश नहीं कर सकते।”

“लेकिन आप समझ नहीं रहे। मुझे अवश्य...”

रक्षक बाहर पहुंचे और थोर को शर्ट से पकड़ा।

“तुम्हें समझ में नहीं आता, छोटे ढीठ लड़के। तुम यहाँ कैसे आ गए और अपने तरीके से जबरदस्ती करने की कोशिश कैसे की? अब जाओ इससे पहले कि मैं आपको हथकड़ी लगा दूँ।”

उसने थोर को धक्का दिया, वह कई फुट दूर ठोकर खाकर गिरा।

जहाँ रक्षक के हाथ ने उसे छुआ था थोर को उसकी छाती में एक डंक सा लगा, लेकिन उससे भी अधिक अस्वीकृति का डंक लगा। वह क्रोधित था। वह इस तरह से रक्षक द्वारा बिना देखे वापिस भेज दिए जाने के लिए नहीं आया था। उसने अंदर जाने के लिए दृढ निश्चय किया था।

रक्षक अपने आदमियों की तरफ वापस मुड़ गया, और थोर धीरे-धीरे गोलाकार भवन के चारों ओर मुआयना करते हुए चलने लगा। उसकी एक योजना थी। वह नज़रों से दूर होने तक चलता गया, अपने रास्ते में एक झटके के साथ दीवारों पर रेंगने लगा। रक्षक उसे नहीं देख रहे थे यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच की, फिर दौड़ लगाने के लिए गति को बढ़ाया। जब वह भवन के आधे रास्ते के आसपास था उसे अखाड़े में दूसरा सुराख़ नजर आया जब उसने लोहे की सलाखों से अवरुद्ध पत्थर में मेहराबदार सुराख़ देखा। इन सुराखों में से एक की सलाखें गायब थी। उसे एक और गर्जना सुनाई दी, उसने खुद को ऊपर उठा लिया, और देखा।

उसका दिल तेजी से धड़का। विशाल गोलाकार प्रशिक्षण मैदान के भीतर उसके भाइयों के साथ दर्जनों रंगरूट थे। एक पंक्ति में, वे सभी एक दर्जन सिल्वर का सामना करते हुए खड़े थे। राजा के आदमी गिनते हुए बीच में जा रहे थे।

एक सैनिक की चौकस निगाहों के नीचे रंगरूटों का एक अन्य समूह एक तरफ खड़ा था, जो एक दूर के लक्ष्य पर भाले फेंक रहे थे। उनमें से एक चूक गया।

थोर की नसें आक्रोश से जल रही थी। उसने उन पर निशाना लगा दिया होता; वह उनमें से किसी के भी समान रूप से अच्छा था। वह छोटा था, सिर्फ इसलिए यह उचित नहीं था कि उसे बाहर छोड़ दिया गया था।

अचानक, थोर उसकी पीठ पर एक हाथ लगा उसे पीछे की ओर खिंचा और हवा में फैंक दिया गया था। वह नीचे जमीन पर जा गिरा।

उसने उपर देखा और फाटक पर उसका मजाक उड़ाने वाले रक्षक को देखा।

“लडके! मैंने तुमसे क्या कहा था?”

इससे पहले वह व्यक्त कर पाता, रक्षक वापस झुका और थोर को जोर की लात मारी। थोर को उसकी पसलियों में एक तेज प्रहार लगा, जैसे ही रक्षक उसे फिर से लात मारने लगा।

इस बार, थोर ने बीच हवा में ही रक्षक का पैर पकड़ लिया; उसने झटका दिया और वह संतुलन खोकर गिर पड़ा।

थोर जल्दी से अपने पैर पर खड़ा हुआ। इसी समय, रक्षक अपने पर। थोर देखकर हैरान था अभी जो उसने किया था। रक्षक ने उसके पार से आँखे तरेरी।

“मैं तुम्हें केवल हथकड़ी नहीं लगाऊंगा” रक्षक गुस्से से बोला, “लेकिन मैं तुमसे इसका भुगतान भी लूँगा। कोई भी एक राजा के रक्षक नहीं छूता! सेना में शामिल होने के बारे में भूल जाओ, अब तुम तहखाने में दूर लोट लगाते रहना! तुम भाग्यशाली होंगे अगर फिर कभी दिखेगा!”

रक्षक अपने छोर पर एक हथकड़ी के साथ एक जंजीर को बाहर खींच लिया। उसके चेहरे पर प्रतिशोध था जब वह थोर के पास पहुंचा।

थोर का दिमाग भागने लगा। वह अपने आपको हथकड़ी लगाने की अनुमति नहीं देना चाहता था, वह राजा के रक्षक के एक सदस्य को भी चोट नहीं करना चाहता था। उसे कुछ सोचना था और तेजी से।

उसे अपनी गुलेल याद आ गयी। उसने सजगता से स्थान संभाल लिया जब इसे पकड़ा, एक पत्थर रखा, निशाना लगाया, और इसे उड़ जाने दिया।

पत्थर हवा में बढ़ा और स्तब्ध रक्षक की पकड़ से हथकड़ी को भेद दिया; इसने रक्षक की उंगलियों पर चोट पहुंचाई। रक्षक ने इसे वापस खींच लिया और दर्द में चिल्लाते हुए हथकड़ी को जमीन पर फेंक दिया।

रक्षक ने थोर को मार देने की निगाह से देखते हुए, अपनी तलवार खींच ली। यह एक विशिष्ट, धातु की रिंग के साथ बाहर आई थी।

“यह तेरी अंतिम गलती थी,” उसने गीदड़ धमकी दी, और आगे बढ़ा।

थोर के पास कोई चारा नहीं था; यह आदमी उसे नहीं छोड़ेगा। उसने अपनी गुलेल में एक और पत्थर रखा और यह फेंका। उसने जानबूझकर निशाना लगाया, वह रक्षक को मारना नहीं चाहता था, लेकिन उसे रोकने के लिए किया था। तो बजाय उसके दिल, नाक, आंख, या सिर पर निशाना लगाने के, थोर को पता था कि उसे रोकने का एक ही स्थान है, लेकिन उसे मारेगा नहीं।

रक्षक के पैरों के बीच।

वह पत्थर को उड़ने दिया लेकिन पूरी ताकत पर जाने से नहीं, बल्कि आदमी नीचे गिराने के लिए पर्याप्त।

यह एक सही निशाना था।

अपनी तलवार छोड़कर रक्षक झुकते हुए जमीन पर गिर पड़ा और अपनी कमर पकड़ कर एक बैठ गया।

“तुझे इसके लिए लटकाया जाएगा!” वह दर्द की आह के बीच गुर्राया। “रक्षको! रक्षको!”

थोर ने दूरी पर उसकी तरफ भागते राजा के कई रक्षकों को देखा।

यह अभी या कभी नहीं था।

एक और क्षण बर्बाद किये बिना, वह खिड़की के कगार पर लपका। उसे मैदान में कूदते हुए जाना होगा, और खुद को परिचित करवाना होगा। और उसे अपने रास्ते में आने वाले से भी लड़ना होगा।




अध्याय पांच


मैकगिल अपने महल के ऊपरी अंतरंग बैठक कक्ष में बैठ गया, जिसे वह व्यक्तिगत मामलों के लिए इस्तेमाल करता था। वह अपने लकड़ी के नक्काशीदार अंतरंग सिंहासन पर बैठ गया, और उसके सामने खड़े अपने चारों बच्चों की तरफ देखा। वहां उनका सबसे बड़ा पुत्र केंड्रिक था, पच्चीस वर्षीय उत्कृष्ट योद्धा और सच्चा सज्जन। वह उसके सभी बच्चों में से मैकगिल के समान दिखाई देता था, जो विडंबना ही थी, क्योंकि वह एक वर्णसंकर था, जो दूसरी औरत से मैकगिल का इकलौता लड़का था, एक औरत जिसे वह कब से भूल गया था। उसकी रानी के प्रारंभिक विरोध के बावजूद, उसके असली बच्चों के साथ केंड्रिक का पालन पोषण किया था केवल इस शर्त पर कि मैकगिल कभी सिंहासन पर नहीं बैठेगा। मैकगिल को इसका दुख था क्योंकि केंड्रिक बेहतरीन आदमी था जो उसे कभी भी ज्ञात था, राजा को गर्व था कि वह उसका बेटा था। राज्य के लिए उससे बेहतर कोई वारिस वहाँ नहीं होता।

उसके बगल में, ठीक विपरीत, उसका दूसरा पुत्र, फिर भी पहला वैध पुत्र तेईस वर्षीय गैरेथ खड़ा था जो चिपके गाल और बड़ी भूरी आँखें के साथ दुबला पतला भी था। उसका चरित्र उसके बड़े भाई की तुलना में ज्यादा अलग नहीं हो सकता। गैरेथ की प्रकृति सब कुछ केंड्रिक की नहीं थी: उसका भाई स्पष्टवादी था, वहीँ गैरेथ उसके असली विचार छिपा कर रखता; जहाँ उसका भाई पर गौरवशाली और नेक था वहीं गैरेथ बेईमान और धोखेबाज था। अपने ही बेटे को नापसंद करने पर मैकगिल दुखी था, और उसने उसकी प्रकृति को ठीक करने के लिए कई बार कोशिश की थी; लेकिन लड़के के किशोरावस्था में कुछ प्रयास के बाद उसने फैसला किया कि उसकी प्रकृति पूर्वनिर्धारित थी: षडयंत्रकारी, सत्ता का भूखा, और हर शब्द के गलत अर्थ में महत्वाकांक्षी। मैकगिल को पता था कि गैरेथ को भी महिलाओं के लिए कोई प्यार नहीं था, और कई पुरुष प्रेमी थे। अन्य राजाओं ने इस तरह के एक बेटे को अपदस्थ किया होता, लेकिन मैकगिल अधिक खुले दिमाग का था, और उसके लिए, यह उसे प्यार नहीं करने के लिए यह एक कारण नहीं था। उसने इसके लिए उसे नहीं परखा। वह उसकी बुराई, षडयंत्रकारी प्रकृति, थी जिसके लिए उसने परखा और नजरअंदाज नहीं कर सकता था।

गैरेथ के बगल में लाइन में मैकगिल की दूसरी जन्मी बेटी, ग्वेंडोलिन खड़ी थी। अभी बस सिर्फ सोलहवीं साल तक पहुँची, वह एक सुंदर लड़की थी और उसकी बनावट को उसकी प्रकृति और भी बढ़ा देती थी। वह दयालु, उदार, ईमानदार बेहतरीन युवा औरत थी जिसे वह कभी भी जान पाया था। इस संबंध में वह केंड्रिक के समान थी। उसने एक पिता के लिए एक बेटी के प्यार के साथ मैकगिल को देखा, और हमेशा हर नज़र में उसकी वफादारी महसूस किया था। उसे अपने बेटों की तुलना में उसके बारे में और अधिक गर्व था।

ग्वेंडोलिन की बगल में खड़ा मैकगिल का सबसे छोटा लड़का रीस था, चौदह में वह अभी एक पुरुष बन रहा था, जो गर्व से भरा हुआ एक उत्साही युवा बालक था। मैकगिल ने बहुत खुशी के साथ सेना में उनकी दीक्षा को देखा था, और पहले से ही देख सकता था कि वह कैसा आदमी बनने जा रहा था। एक दिन, मैकगिल को कोई संदेह नहीं था, रीस उसका बेहतरीन बेटा, और एक महान शासक होगा। लेकिन वह दिन अभी नहीं आया था। अभी वह बहुत छोटा था, और अभी भी सीखने के लिए बहुत कुछ था।

उसके सामने खड़े इन चार बच्चों, अपने तीन बेटे और बेटी का सर्वेक्षण करते हुए मैकगिल मिश्रित भावनाओं से भरा था। उसने निराशा के साथ घुलमिला गर्व महसूस किया। उसने क्रोध और झुंझलाहट भी महसूस की, उसके गायब दो बच्चों के लिए। सबसे बड़ी, उसकी बेटी लुआंडा, निश्चित रूप से अपनी शादी के लिए तैयारी कर रहा थी, और क्योंकि शादी के बाद उसे एक अन्य राज्य में रवाना किया जा रहा था, तो वारिसों की इस चर्चा में भाग लेने से उसका कोई सरोकार नहीं था। लेकिन उसका दूसरा पुत्र अठारह वर्षीय गॉडफ्रे अनुपस्थित था। मैकगिल घुड़की से लाल हो गया था।

जब से वह एक बालक था, गॉडफ्रे ने शासन के लिए इस तरह का अनादर दिखाया था; यह हमेशा से स्पष्ट था कि उसे इसकी परवाह नहीं और शासक कभी नहीं बनेगा। इसके बजाय, उसने बदमाश दोस्तों के साथ मयखानों में अपने दिन को बर्बाद करने के लिए चुना, गॉडफ्रे मैकगिल के शाही परिवार के लिए सबसे बड़ी निराशा, शर्म और अपमान का कारण था। वह आलसी था जो पूरा दिन सोता रहता और बाकी समय पीने में डूबा रहता। एक ओर, वह यहाँ नहीं था तो मैकगिल को राहत मिली थी; दूसरी तरफ, यह वह अपमान था जिसे सहन नहीं कर सकता था। उसने वास्तव में इसकी उम्मीद थी, और मयखानों में से उसे वापस लाने के लिए जल्दी अपने आदमियों को बाहर भेजा था। उनके ऐसा करने तक मैकगिल, इंतज़ार में, चुपचाप बैठ गया।

भारी ओक दरवाजा अंत में पटक कर खुला और शाही रक्षकों ने उनके बीच गॉडफ्रे को खींचते हुए प्रवेश किया। उन्होंने उसे एक धक्का दे दिया, और गॉडफ्रे कमरे में लुढक गया जब उन्होंने उसके पीछे दरवाजा पटक कर बंद किया।

उसके भाई और बहन पलट गये और देखने लगे। गॉडफ्रे, शराब से धुत, बिना दाढ़ी बनाए, और आधे कपड़े पहने हुए। वह वापस मुस्कुराया। ढीठ। हमेशा की तरह।

“प्रणाम, पिताजी,” गॉडफ्रे ने कहा। “क्या मैंने सब मज़ा खो दिया?”

“तुम अपने भाई बहनों के साथ खड़े होंगे और मेरे बोलने के लिए इंतजार करोगे। अगर आप नहीं करते हैं, प्रभु मेरी मदद करें, मैं बाकी के आम कैदियों के साथ इस काल कोठरी में तुम्हें जंजीरों से बंधवा दूंगा, और तुम खाना नहीं देख पाओगे, बहुत कम शराब पूरे तीन दिन के लिए।”

उद्दंड, गॉडफ्रे ने अपने पिता पर वापस देखा। उस ताक में, मैकगिल ने खुद में शक्ति का गहरा सैलाब महसूस किया, एक चिंगारी जिससे एक दिन अच्छी तरह से गॉडफ्रे की सेवा हो सकती थी। अगर वह कभी अपने खुद के व्यक्तित्व को दूर कर सकता था।

विद्रोही, गॉडफ्रे ने अंत में पालन करने और दूसरों के साथ शामिल होने से पहले अच्छे दस सेकंड का इंतजार किया।

मैकगिल ने अपने सामने खड़े इन पांच बच्चों का सर्वेक्षण किया: कमीना, पथभ्रष्ट, शराबी, उसकी बेटी, और उसका सबसे छोटा। यह एक अजीब मिश्रण था, और वह शायद ही विश्वास कर सकता था कि वे सब उससे पैदा हुए थे। और अब, उसकी बड़ी बेटी की शादी के दिन पर, इस झुंड में से एक वारिस चुनने का कार्य उस पर आ पड़ा था। यह कैसे संभव था?

यह एक निरर्थक प्रथा थी; सब के बाद, वह अपने उत्कर्ष में था और तीस साल के लिए शासन कर सकता था। जो भी वारिस हो वह दशकों के लिए सिंहासन नहीं भी संभाल सकता है। पूरी परंपरा ने उसे व्यथित कर दिया। उसके पिता के समय में यह प्रासंगिक हो सकता है, लेकिन अब इसकी कोई जगह नहीं थी।

उसने अपना गला साफ किया।

“हम परंपरा की वसीयत में आज यहां एकत्र हुए हैं। आप जानते हैं, इस दिन, मेरी ज्येष्ठ की शादी के दिन, एक उत्तराधिकारी का नाम घोषित करने का काम मुझ पर आन पड़ा है। इस राज्य पर शासन करने के लिए एक वारिस। अगर मैं मर जाऊं, तुम्हारी माँ से बेहतर शासन करने के लिए कोई अनुकूल नहीं है। लेकिन हमारे राज्य के कानूनों के हुक्म अनुसार केवल राजा के बच्चे सफल हो सकते हैं। इस प्रकार, मुझे चयन करना होगा।”

मैकगिल ने सोचते हुए, अपनी सांस रोक ली। एक भारी चुप्पी हवा में फ़ैल गई, और वह प्रत्याशा का वजन महसूस कर सकता था। उसने उनकी आंखों में देखा, और प्रत्येक में अलग भाव था। कमीने यह जानते हुए भी इस्तीफा दे दिया होगा कि उसे चुना नहीं जाएगा। पथभ्रष्ट की आँखें महत्वाकांक्षा के साथ दमक रही थी, जैसे स्वाभाविक रूप से वह खुद को ही एक विकल्प के रूप उम्मीद कर रहा था। शराबी ने खिड़की से बाहर देखा; उसे परवाह नहीं थी। उसकी बेटी इस चर्चा का हिस्सा नहीं थी, लेकिन यह जानकर फिर भी उसने पिता को प्यार से वापस देखा। उससे छोटी उम्र वाले के साथ भी वैसा ही था।

“केंड्रिक, मैंने हमेशा तुम्हें एक सच्चा पुत्र माना है। लेकिन हमारे राज्य के कानूनों के अनुसार साम्राज्य मुझे किसी ऐसे को शासन देने से रोकता है जो सत्य वैधता से जरा भी कम हो।”

केंड्रिक झुका। “पिताजी, मुझे उम्मीद नहीं थी कि आपको इतना करना होगा। मैं अपने आप में संतुष्ट हूँ। कृपया इससे अपने आपको न उलझाएँ।”

मैकगिल को उसकी प्रतिक्रिया में दुख हुआ जैसा कि उसने महसूस किया कि वह कितना वास्तविक था और उसे सबसे ज्यादा वारिस घोषित करना चाहता था।

“तो आप चार शेष हो। रीस, आप एक अच्छे और बेहतरीन युवा हो, जैसा मैंने कभी देखा है। लेकिन आप इस चर्चा का हिस्सा बनने के लिए अभी बच्चे हैं।”

“पिता जी, मुझे इतनी ही उम्मीद थी,” रीस ने थोड़ा झुककर जवाब दिया।

“गॉडफ्रे, तुम मेरी तीन वैध संतानों में से हो फिर भी आप गंदगी के साथ, मयखाने में अपने दिन बर्बाद करने के लिए चुनते हो। तुम्हें जीवन में हर विशेषाधिकार सौंप दिया गया था, और हर एक को तुमने ठुकरा दिया है। अगर मुझे इस जीवन में कोई भी बड़ी निराशा है, तो यह आप के लिए है।”

गॉडफ्रे ने असुविधाजनक विस्थापन करते हुए वापस मुंह बनाया।

“ठीक है, तो इसका मतलब मेरा काम हो गया और फिर मयखाना को वापस चला जाऊंगा, क्या ऐसा लगता है पिता जी?”

एक त्वरित, मजाकिया झुकाव के साथ, गॉडफ्रे मुड़ा और कमरे के आरपार अकड़कर चलने लगा।

“यहाँ वापस आओ!” मैकगिल बोले। “अब!”

गॉडफ्रे ने उसे अनदेखा करते हुए अकड़ना जारी रखा। उसने कमरे को पार किया और खींचकर दरवाजा खोल लिया। दो रक्षक वहां खड़े थे।

रक्षक ने प्रश्न की मुद्रा में उसे देखा, मैकगिल गुस्से से उबल पड़ा।

लेकिन गॉडफ्रे ने इंतजार नहीं किया; वह अपने तरीके से धक्के खाता हुआ खुले कक्ष में जा पहुंचा।

“उसे पकड़ो!” मैकगिल चिल्लाया।” और उसे रानी की नजर से दूर रखो। मैं उसकी मां को अपनी बेटी की शादी के दिन पर उसकी नजर से बोझिल नहीं करना चाहूँगा।”

“ठीक है, महाराज,” दरवाजा बंद करते हुए उन्होंने कहा, जैसे ही वे उसके पीछे भागे।

मैकगिल वहाँ बैठा, जोर से सांस लेते हुए, गुस्से से लाल, शांत होने की कोशिश कर रहा था। हज़ारवीं बार उसे आश्चर्य हो रहा था कि उसने इस तरह के एक बच्चे को अधिकार देने के लिए क्या किया था।

उसने अपने शेष बच्चों पर वापस देखा। गहरी ख़ामोशी में उन चारों ने उसे वापस देखा। मैकगिल ने ध्यान केंद्रित करने की कोशिश में एक गहरी साँस ली।

“अब तुम दोनों हो,” उसने जारी रखा। “और इन दोनों में से, जिसे मैंने एक उत्तराधिकारी चुना है।”

मैकगिल अपनी बेटी की तरफ मुड़ा।

“ग्वेंडोलिन, वह तुम हो।”

कमरे में एक फुसफुसाहट हुई; उसके सभी बच्चे, सबसे ज्यादा ग्वेंडोलिन को झटका लगा।

“आपने सही बात की पिताजी?” गैरेथ ने पूछा। “आपने ग्वेंडोलिन ने कहा?”

“पिताजी, मैं सम्मानित महसूस कर रही हूँ,” ग्वेंडोलिन ने कहा। “लेकिन मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती हूँ। मैं एक महिला हूं।”

“यह सच है कि एक महिला मैकगिलों के सिंहासन पर कभी नहीं बैठी। लेकिन मैंने इस बार यह परंपरा बदलने का फैसला किया है। ग्वेंडोलिन, आप बेहतरीन दिमाग और आत्मा की जवान औरत हैं जिसे मैं कभी भी मिला हूँ। आप युवा हैं, लेकिन प्रभु की इच्छा से मैं कभी भी जल्द ही नहीं मरूँगा, और जब समय आयेगा तुम राज करने के लिए पर्याप्त चतुर हो जाओगी। राज्य तुम्हारा हो जाएगा।”

“लेकिन पिताजी!” जलभुन चुका गैरेथ चिल्लाया। “मैं जन्म से ज्येष्ठ वैध बेटा हूँ! हमेशा की तरह, मैकगिलों के पुरे इतिहास में, शासन ज्येष्ठ पुत्र को गया है!”

मैकगिल ने गहराई से उत्तर दिया, “मैं राजा हूँ” “और मैं परंपरा नियंत्रित करता हूँ।”

“लेकिन यह उचित नहीं है!” गैरेथ ने शिकायती आवाज में अनुरोध किया। “मैं होने वाला राजा हूँ। मेरी बहन नहीं। एक औरत नहीं!”

“अपनी जीभ को लगाम दो, लड़के!” मैकगिल गुस्से से हिलते हुए चिल्लाया। “मेरे फैसले पर सवाल पूछने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?”

“तो मुझे एक औरत के लिए किनारे किया जा रहा है? आप मेरे बारे में क्या सोचते हो?”

“मैंने अपना निर्णय ले लिया है,” मैकगिल ने कहा। “आप इसका सम्मान करेंगे, और मेरे राज्य की प्रजा की तरह, आज्ञाकारी बनते हुए इसका पालन करेंगे। अब, आप सभी जा सकते हैं।”

उसके बच्चों ने जल्दी से उनके सिर झुकाया और कमरे से जल्दबाजी में निकल गए।

लेकिन गैरेथ छोड़ने के लिए खुद ले जाने में असमर्थ, दरवाजे पर रुका रहा।

वह पीछे मुड़ा और अकेले ही अपने पिता का सामना किया।

मैकगिल उसके चेहरे पर निराशा देख सकता था। जाहिर है, उसे आज उत्तराधिकारी नामित किए जाने की उम्मीद थी। इससे भी अधिक: वह यह चाहता था। व्यग्रता से। जिससे कम से कम मैकगिल आश्चर्य में नहीं था और यही बड़ा कारण था कि यह उसे नहीं दिया गया।

“पिताजी आप मुझसे नफरत क्यों करते हैं?” उसने पूछा।

“मैं तुमसे नफरत नहीं करता। मैं सिर्फ तुमको मेरे राज्य पर शासन करने के लिए अनुकूल नहीं पाता।”

“और ऐसा क्यों है?” गैरेथ बोला।

“क्योंकि ठीक यही बात है जो तुम चाहते हो।”

गैरेथ का चेहरा एक लाल गहरी छाया में बदल गया। जाहिर है, मैकगिल ने उसे अपनी सच्ची प्रकृति में एक अंतर्दृष्टि दे दी थी। मैकगिल ने उसकी आंखों में देखा, उन्हें अपने लिए एक घृणा के साथ जला देखा जिसे संभव होने के बारे में उसने कभी नहीं सोचा था।

बिना एक और शब्द के गैरेथ कमरे से घुस गया और अपने पीछे दरवाजा पटक दिया।

प्रतिध्वनि गूंज में, मैकगिल थर्रा गया। उसने अपने बेटे की ताक को याद किया और एक घृणा इतनी गहरी, यहां तक ​​कि अपने दुश्मनों की तुलना में अधिक गहरी लगी। उसी पल में उसने, खतरा नजदीक होने की आर्गन की राय के बारे में सोचा।

क्या यह इतना समीप हो सकता है?




अध्याय छह


थोर विशाल मैदान के क्षेत्र में अपनी पूरी शक्ति के साथ तेजी से दौड़ा। अपने पीछे वह राजा के रक्षकों के कदमों की आवाज सुन सकता था। वे उसे कोसते हुए गर्म और धूल भरे परिदृश्य में उसका पीछा कर रहे थे। उससे आगे सेना के सदस्य, नए रंगरूटों की फौज, उसकी तरह लेकिन उससे बड़े और शक्तिशाली दर्जनों लड़के फैले हुए थे। वे प्रशिक्षण ले रहे थे और विभिन्न संरचनाओं में उनका परीक्षण किया जा रहा था, कुछ भाले फैंक रहे थे, कुछ बरछी लहरा रहे थे और दूसरे भाले पकड़ने का अभ्यास कर रहे थे। वे दूर के लक्ष्य पर निशाना लगा रहे थे, और शायद ही कभी चूकते थे। ये उसकी प्रतियोगिता थी, और वे भयंकर लग रहे थे।

उनके बीच दर्जनों असली नाइट, सिल्वर के सदस्य एक व्यापक अर्धवृत्त में खड़े कार्रवाई देख रहे थे। किसे यहाँ रहना होगा और किसे घर भेजा जाएगा, इसका फैसला करते हुए निर्णय ले रहे थे।

थोर जानता था उसे खुद को साबित करना था, और इन लोगों को प्रभावित करना था। कुछ ही क्षणों के भीतर रक्षक उसके उपर होंगे, और अगर प्रभाव बनाने का कोई मौका था, तो अब सही समय था। लेकिन कैसे? उसका मन दौड़ा और वह चालाकी से आंगन के आरपार निकल गया, इस निश्चय के साथ की उसे वापस नहीं भेजा जाएगा।

थोर जैसे ही क्षेत्र में से दौड़ा, दूसरों ने ध्यान देना शुरू किया। रंगरूटों में से कुछ ने जो वे कर रहे थे उसे बंद कर दिया मुड़ गए और नाइटों ने भी वैसा ही कुछ किया था। क्षणों के भीतर, थोर ने महसूस किया कि उस पर सभी का ध्यान केंद्रित था। वे घबराए हुए लग रहे थे, और उन्हें आश्चर्य हो रहा होगा कि वह कौन था, जो उनके क्षेत्र में आरपार दौड़ रहा था, राजा के तीन रक्षक पीछा करते हुए दौड़ लगाते रहे। वह इस प्रकार से एक धारणा नहीं बनाना चाहता था। उसके पूरे जीवन में, उसने सेना में शामिल होने का सपना देखा था, यह उसके अनुरूप नहीं हो रहा था।

जैसे थोर भागा, इस बहस के साथ कि करना क्या है, उसकी कार्रवाई उसके लिए साधारण बन गयी थी। एक बड़े लड़के, एक रंगरूट ने थोर को रोक कर दूसरों को प्रभावित करने के लिए इसे खुद पर लेने का फैसला किया। लंबा, माँसल, और थोर के आकार का लगभग दोगुना, थोर का रास्ते रोकने के लिए उसने लकड़ी की तलवार उठाई। थोर ने उसे देखा वह उसे नीचे प्रहार करने के लिए कृतसंकल्प लिए था, सबके सामने उसे एक मूर्ख बनाने के लिए, और इस तरह खुद को अन्य रंगरूटों से अधिक लाभ हासिल करने का उसका इरादा देख सकता था।

इसने थोर को उग्र कर दिया। थोर के पास इस लड़के से उलझने की ताकत नहीं थी, और यह उसकी लड़ाई नहीं थी। लेकिन वह सिर्फ दूसरों पर लाभ हासिल करने के लिए, इसे अपनी लड़ाई बना रहा था।

जैसे ही वह करीब आया, थोर शायद ही इस लड़के के आकार पर विश्वास कर सकता था: वह उस पर खम्बे की तरह था, उसके माथे को ढंकते घने काले बाल के लच्छे, और थोर ने जैसे कभी देखा हो, सबसे बड़े चौड़े जबड़े। वह देख नहीं पा रहा था कि कैसे उसे चोट करे।

लड़का अपनी लकड़ी की तलवार के साथ आगे बढ़ा, और थोर को पता था अगर उसने जल्दी से काम नहीं किया, तो वह बाहर जाने वाला था।

थोर की सजगता काम आई। उसने सहजता से अपनी गुलेल बाहर निकाली, पीछे पहुंचा, और लड़के के हाथ पर एक पत्थर फेंका। उसे अपना लक्ष्य मिला और लड़के के हाथ से तलवार छिटक गई जैसे ही उसने नीचे लाने का प्रयास किया। यह उड़ती हुई गयी और लड़के ने चिल्लाते हुए अपना हाथ जकड़ लिया।

थोर ने कोई समय बर्बाद नहीं किया। उस पल का लाभ लेते हुए आगे बढ़कर हवा में जोर से उछला, और लड़के के सीने पर उसके सामने जमा कर दोनों लात मारी। लेकिन लड़का इतना मोटा था कि यह एक ओक के वृक्ष पर लात मारने जैसा था। लड़के ने महज कुछ इंच वापस ठोकर खाई और थोर उस लडके के पैर पर गिर गया।

जैसे ही वह जोर से नीचे गिरा उसके कान बज उठे, थोर ने सोचा, यह अच्छा संकेत नहीं है।

थोर ने अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रयास किया, लेकिन लड़का उससे एक कदम आगे था। वह नीचे पहुँचा, थोर को उसकी पीठ से पकड़ लिया, और उसे उड़ाते हुए मिट्टी में फेंक दिया।

जल्दी से लड़कों की भीड़ ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और उत्साह बढ़ाया। थोर अपमानित, लाल हो गया।

थोर उठने के लिए पलटा, लेकिन लड़का बहुत तेज था। उसे नीचे लगाने से पहले ही वह उसके ऊपर था। इससे पहले थोर कुछ जान पाता, यह एक कुश्ती मुकाबले में बदल गया था, और लड़के का वजन बहुत था।

थोर अन्य रंगरूटों की मौन चीख सुन सकता था, जैसा कि उन्होंने घेरा बना लिया था और वे खून के लिए उत्सुक थे। लड़के का चेहरा नीचे गुस्से में था; लड़के ने अपने अंगूठे थोर की आंखों के पास पहुंचा दिए। थोर यह विश्वास नहीं कर सकता था कि यह लड़का वास्तव में उसे चोटिल करना चाहता था। वह वास्तव में इतनी बुरी तरह से लाभ हासिल करना चाहता था?

अंतिम क्षणों में थोर ने रास्ते से अपना सिर हटा लिया, और लड़के का हाथ मिट्टी में डूब गया। थोर ने उसे नीचे से बाहर लपेटने का मौका लिया।

थोर अपने पैरों पर खड़ा हुआ और साथ ही लड़का भी खड़ा हुआ। लड़के ने थोर के चेहरे पर हमला किया, और थोर ने अंतिम समय पर उसे रोक लिया; हवा उसके चेहरे को छू गई, और उसे एहसास हुआ अगर लड़के की मुट्ठी ने उसे मारा होता तो थोर का जबड़ा टूट गया होता। थोर ऊपर पहुंच गया और लडके के पेट में मुक्का मारा, लेकिन इसने शायद ही काम किया; यह एक पेड़ पर हमले की तरह था।

थोर की प्रतिक्रिया से पहले, लड़के ने चेहरे पर कोहनी मारी।

थोर ने झटके से जूझते हुए वापस ठोकर खाई। यह एक हथौडे के प्रहार की तरह था, और उसका कान बज उठा।

जब थोर ने ठोकर खाई, जबकि वह अभी भी अपनी सांस को पकड़ने की कोशिश कर रहा था, लड़का बढ़ा और सीने में जोर से लात मारी। थोर पीछे की ओर उड़ गया और पीठ के बल गिरा। अन्य लड़कों ने खुशी प्रकट की।

थोर ने चक्कर आते ही बैठने का प्रयास किया, लेकिन लड़का एक बार फिर आ गया, और फिर से उसे मुक्का मारकर हमेशा के लिए गिरा दिया।

थोर वहां लेटा हुआ दूसरों की सराहना सुन रहा था, जबकि अपने चेहरे पर खून का नमकीन स्वाद महसूस कर पा रहा था। वह दर्द से कराह रहा था। उसने बड़े लड़के को मुड़ते हुए दूर जाते देखा और पहले से ही उसकी जीत का जश्न मनाते, अपने दोस्तों की ओर वापस जाते देख सकता था।

थोर हार मान लेना चाहता था। यह लड़का बहुत बड़ा था उससे लड़ना व्यर्थ था, और वह कोई अधिक सजा नहीं ले सकता था। लेकिन उसके अंदर किसी ने उसे धक्का दिया। वह हार नहीं सकता था। इन सभी लोगों के सामने।

हार न मानो। उठ जाओ! उठ जाओ!

थोर ने किसी भी तरह से अपनी ताकत को तलब किया। गुर्राता हुआ, पहले अपने हाथों और घुटनों से और फिर अपने पैरों पर खड़ा हुआ। उसने बहते हुए खून, सूजी आँखों से, मुश्किल से साँस लेते हुए, लड़के का सामना किया, और अपनी मुट्ठी को उठाया।

बड़ा लड़का घूमा और थोर की तरफ नीचे देखा। उसने अविश्वास में अपने सिर को हिलाया।

उसने वापस थोर की तरफ चलना शुरू किया, “लड़के, तुम्हें नीचे रहना चाहिए,” उसने धमकी दी।

“बस!” एक आवाज आई। “एल्डन, वापस खड़े हो जाओ!”

एक नाइट ने अचानक उन दोनों के बीच कदम रखा, उसकी हथेली पकड़ते हुए थोर के करीब जाने से एल्डन को रोक दिया। नाइट को देख सभी भीड़ शांत हो गई; स्पष्ट रूप से यह वह आदमी था जिसने सम्मान की मांग की।

भयभीत थोर ने नाइट की उपस्थिति में ऊपर देखा। वह लंबा, व्यापक कंधों वाला, चौड़ा जबड़ा, और भूरा रंग, अच्छी तरह से सजे बालों के साथ लंबा और अपने बीसवें में था। थोर को वह तुरंत पसंद आया। उसकी पहली दरजे की कवच, पॉलिश सिल्वर से बनी चेनमेल, शाही निशान के साथ ढका गया था: मैकगिल परिवार का प्रतीक, फाल्कन। थोर का गला सूखता चला गया: वह शाही परिवार के एक सदस्य के सामने खड़ा था। वह शायद ही यह विश्वास कर सकता था।





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